रथ यात्रा के बहाने भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए बिसात बिछा दी है. प्रदेश की तृणमूल सरकार भाजपा की रथ यात्रा रोक कर इसका लाभ भाजपा को देना नहीं चाहती, इसलिए तृणमूल फूंक फूंक कर कदम रख रही है. तृणमूल व सहयोगी संगठनों के द्वारा घेराबंदी का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है. दूसरी ओर भाजपा के सहयोगी संगठन व आर एस एस ,विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल तथा अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों ने भी बंगाल की जनता को एकजुट करने का काम शुरू कर दिया है. विश्व हिंदू परिषद बंगाल के 21 जिलों में विराट हिंदू सम्मेलन करने जा रही है .आज पुरुलिया में संगठन का विराट सम्मेलन हो रहा है. आर एस एस ने भी जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है. बजरंग दल दूसरे तरह के धार्मिक आयोजन में लगा है. कहने का अर्थ यह है कि भाजपा ने बंगाल जीतने के तमाम हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं. संगठन के लोग बंगाल के युवाओं को जोड़ने में जुट गए हैं, तो दूसरी ओर तृणमूल ने इसका जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है. जिस-जिस रूट से भाजपा की रथयात्रा गुजरेगी , उसके दूसरे दिन ही उसी रूट से तृणमूल कांग्रेस महा रैली निकालेगी. इसको शुद्धीकरण एकता रैली का नाम दिया गया है . 19 जनवरी को तृणमूल ब्रिगेड परेड मैदान में महारैली कर रही है. इसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी , मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव , दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अनेक विपक्ष के नेता जुटने वाले हैं. इसके ठीक एक सप्ताह के बाद ही उसी स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जवाबी जनसभा होगी. इस तरह से बंगाल की राजनीति में एक ओर तृणमूल कांग्रेस तो दूसरी ओर भाजपा की जोर आजमाइश होने जा रही है .