उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? इस बीच भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर ने नीतीश कुमार को अगला उपराष्ट्रपति बनाने की मांग की है. इसके राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. नीतीश कुमार का लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है.उनकी छवि भी साफ सुथरी रही है.
बिहार में इसी साल के आखिर में विधानसभा का चुनाव होना है.नीतीश कुमार के लंबे राजनीतिक अनुभव और उनकी स्वच्छ छवि को देखते हुए भाजपा और एनडीए ने उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. लेकिन विपक्ष खासकर आरजेडी नीतीश कुमार को बीमार बता रही है. हाल के घटनाक्रमों में बिहार में अपराध की बढ़ती वारदातें और बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने सरकार पर प्रहार करना शुरू कर दिया है. जिसका बचाव सरकार की तरफ से सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.
ऐसे में भाजपा को लगता है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगर चुनाव लड़ा जाता है तो शायद बिहार की सत्ता जा सकती है. इसलिए भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार एनडीए के सहयोगी बने रहें और बिहार में भाजपा मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में सामने आ सके. लेकिन यह तभी संभव होगा जब नीतीश कुमार को उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए एक उचित स्थान दिया जाए. मौजूदा समय में उप राष्ट्रपति का पद खाली है. संविधान के अनुसार इस पद को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए.
अगर नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति के लिए मान जाते हैं तो भाजपा को बिहार में नेतृत्व मिल सकता है. हालांकि यह राजनीतिक पंडितों की गणना हो सकती है. जो मौजूदा समय और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सामने आई है. हालांकि जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य समस्याएं बताई है, सूत्र बता रहे हैं कि इसके पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं.
जगदीप धनखड़ की छवि सांसदों में एक विवादास्पद बनी रही है. कई राज्यसभा के सदस्यों को उन्होंने अनुशासन के मामले में डांटा भी था. वह सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील रहे हैं. उन्हें संविधान और कानून की पूरी जानकारी है. उन्होंने न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र को भी चुनौती दी थी. अब राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. अगर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता तो कदाचित राजनीतिक पंडितों को यह अवसर नहीं मिलता. इसलिए चर्चा शुरू हो गई है कि उपराष्ट्रपति के लिए नीतीश कुमार के नाम को आगे किया जाए.
विशेषज्ञ मानते हैं कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति पद के लिए सही उम्मीदवार हो सकते हैं. उनका राजनीतिक जीवन निष्कलंक रहा है. 2005 से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री की सत्ता संभालते रहे हैं. उन्होंने बिहार में काफी विकास भी किया. हालांकि उनके बार-बार गठबंधन बदलने की वजह से भी उनकी आलोचना होती रही है
भाजपा में भी नीतीश कुमार को सम्मान प्राप्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार की कई बार तारीफ भी कर चुके हैं. अगर भाजपा की चुनावी रणनीति ऐसी ही है, तो हो सकता है कि अगले कुछ दिनों में यह सुनने को मिले कि नीतीश कुमार भारत के नए उपराष्ट्रपति होंगे. बहरहाल यह देखना होगा कि उपराष्ट्रपति के मामले में केंद्र का अगला रूख क्या होता है.