July 20, 2025
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9 करोड़ के नकली नोटों का पर्दाफाश,नोट छापने की मशीन समेत दो गिरफ्तार !

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है जिसने प्रशासन से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को चौकन्ना कर दिया है। कोलकाता से सटे संदेशखाली थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक होटल से 9 करोड़ रुपये की जाली भारतीय मुद्रा जब्त की है। इतना ही नहीं, होटल के कमरे से नकली नोट छापने की मशीन, बड़ी मात्रा में नेपाली मुद्रा, और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।

इस हाई-प्रोफाइल मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है — सिराजुद्दीन मोल्ला और देबब्रत चक्रवर्ती। दोनों आरोपी धमाखाली फेरी घाट के पास स्थित रॉयल गेस्ट हाउस में रुके हुए थे, जो अब एक फर्जी नोट फैक्ट्री के रूप में उजागर हुआ है।

ऐसे टूटा सिंडिकेट का पर्दा
यह पूरी साजिश तब उजागर हुई जब इन आरोपियों ने पास की एक दुकान से सामान खरीदने के लिए नकली नोट का इस्तेमाल किया। दुकानदार को नोट की क्वालिटी पर शक हुआ — उसकी नजर ने जो पकड़ लिया, वही पूरे रैकेट की कुंजी बन गया। उसने तुरंत पुलिस को खबर दी। कुछ ही घंटों में होटल पर छापा पड़ा और जो खुलासा हुआ, वो किसी अंडरवर्ल्ड फिल्मी सीन से कम नहीं था।

होटल का कमरा था नकली नोटों की फैक्ट्री!
जैसे ही पुलिस ने होटल के कमरे की तलाशी ली, बैगों में भरकर रखे गए 500-500 के नकली नोट, एक उन्नत नोट छापने वाली मशीन, और नेपाली मुद्रा मिली। इतना ही नहीं, सिराजुद्दीन के पास से दो अलग-अलग आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं। यह साफ संकेत है कि इस गिरोह ने अपनी पहचान छुपाने और ट्रैकिंग से बचने के लिए फर्जी कागजातों का जाल बिछाया हुआ था।

बांग्लादेश भागने की थी तैयारी?
पुलिस की जांच का फोकस अब इस बात पर है कि क्या इन आरोपियों का सीधा कनेक्शन बांग्लादेश से है। धमाखाली, जहां से यह गिरोह पकड़ा गया है, एक रणनीतिक स्थान है — यहाँ से न केवल कोलकाता पहुँचना आसान है बल्कि नदी के रास्ते बांग्लादेश भी आसानी से जाया जा सकता है। आशंका है कि आरोपी वहां से सीमा पार भागने की फिराक में थे।

पूरे रैकेट की जांच शुरू, और भी गिरफ्तारियाँ संभव
पुलिस अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है। साइबर क्राइम टीम, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, और खुफिया एजेंसियां मिलकर यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या यह सिर्फ दो लोगों का काम था या फिर इसके पीछे कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क सक्रिय है।

सूत्रों के मुताबिक, बरामद मशीन इतनी एडवांस्ड है कि उससे असली और नकली नोट में फर्क करना मुश्किल है। यही कारण है कि यह मामला अब सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला बन चुका है।

जनता में डर, पुलिस अलर्ट पर
स्थानीय लोगों में इस खुलासे के बाद डर का माहौल है। उन्हें अब डर सता रहा है कि कहीं उनका इलाका अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना तो नहीं बनता जा रहा। पुलिस ने भी अब क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है और आसपास के गेस्ट हाउसों व होटलों की तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

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