October 30, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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उत्तर बंगाल में इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी!

1 अप्रैल से भारत सरकार के नए नियमों के अनुसार 15 साल पुरानी बसें बंद होने जा रही है. वायु प्रदूषण तथा डीजल और पेट्रोल की बढ़ती महंगाई, साथ ही प्रदूषण को देखते हुए ऑटोमोबाइल कंपनियों के द्वारा इलेक्ट्रिक तथा ग्रीन गैस से संचालित इंजन तैयार किए जा रहे हैं.

इस बीच सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के लोगों के लिए एक खुशी की खबर है. उत्तर बंगाल में वायु प्रदूषण तथा डीजल और पेट्रोल के मूल्यों में वृद्धि से होने वाली महंगाई से निजात दिलाने के लिए इलेक्ट्रिक बसे चलाने का फैसला किया गया है. कूचबिहार से इस कार्य का शुभारंभ होने जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार कूचबिहार-अलीपुरद्वार, कूचबिहार-दिनहटा रूट पर ई बसें चलाई जाने वाली है.

उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम के चेयरमैन पार्थ प्रतिम राय इसका पहले ही संकेत दे चुके हैं. पिछले दिनों उन्होंने कोलकाता में परिवहन मंत्री स्नेह आशीष चक्रवर्ती के साथ मुलाकात की थी. जबकि इस संबंध में पहले ही राज्य परिवहन मंत्रालय के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है. अब परिवहन मंत्रालय ने इस पर हरी झंडी दिखा दी है.

क्योंकि अभी प्रारंभिक चरण में अलीपुरद्वार, कूचबिहार तथा आसपास के क्षेत्रों में ही इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी. अतः कूचबिहार में एक चार्जिंग स्टेशन बनाने की स्वीकृति भी मिल चुकी है.जल्द ही यहां चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा.फिलहाल अलीपुरद्वार तथा दिनहटा रूट पर चार ई बसे चलेगी.

उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम के चेयरमैन पार्थ प्रतिम राय का कोलकाता दौरा सार्थक सिद्ध हुआ है. मृतप्राय उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम बहुत जल्द आर्थिक संकट से बाहर आया है. एक समय यह संस्था बंद होने के कगार पर आ गई थी. नए सिरे से इस संस्था के द्वारा उत्तर बंगाल परिवहन निगम की बसों को आधुनिक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. संस्था के द्वारा विभिन्न रूटो पर बस सेवा शुरू की जा रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी साल से सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी ,मालदा, कूचबिहार, अलीपुरद्वार ,रायगंज आदि इलाकों में इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू हो सकती है. जल्द ही विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम शुरू होगा. प्रवक्ता ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसें चलने से यात्रियों को भी काफी सुविधा होगी. उन्हें कम भाड़े में अधिक दूरी तय करने का अवसर मिलेगा. इससे वे बचत भी कर सकेंगे. साथ ही माल ढुलाई का खर्चा भी कम आएगा तो महंगाई पर नियंत्रण भी हो सकेगा!

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