यूं तो सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अंतर्गत सभी थानों के प्रभारी किसी न किसी क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए हुए हैं. दूसरे शहरों के मुकाबले सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की कार्यशैली तथा अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण की भावना की मिसाल दी जाती है. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अंतर्गत विभिन्न थानों की पुलिस ने समय-समय पर चोरी, तस्करी से लेकर नशा के खिलाफ अभियान में आश्चर्यजनक सफलता हासिल की है. यह पहले ही स्पष्ट हो चुका है.
सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा को कौन नहीं जानता! उन्होंने पुलिस के कामकाज करने के तरीके और शैली को ही बदल डाला. अपराधियों के खिलाफ सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने हमेशा ही एक नई मिसाल पेश की है. इतिहास गवाह है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बड़े-बड़े कारनामों को अंजाम दिया है. एक बार फिर से सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस की चर्चा शुरू हो गई है. हाल ही में सिलीगुड़ी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसूति विभाग से बच्चा चोरी और पिछले दो ढाई महीनों से सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों से दर्जनों चोरी के मोबाइल बरामद करने तथा उसे उसके सही मालिक तक पहुंचाने के लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस एक बार फिर से चर्चा में है.
भक्ति नगर थाना हमेशा से ही अपराध को चुनौतियों के रूप में लेता रहा है. यहां के आईसी हैं अमरेश सिंह, जिन्होंने अपने इलाके में अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने की कोशिश की है. अमरेश सिंह ने हाल ही में कई बड़े-बड़े के सुलझाएं हैं. पिछले दो दिनों में उनके नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों ने 26 से ज्यादा मोबाइल बरामद कर उसके मालिक तक लौटाए. सिलीगुड़ी में इसकी चर्चा भी हो रही है. इसी तरह सिलीगुड़ी थाना, माटीगाड़ा थाना, प्रधान नगर थाना आदि की पुलिस ने समय-समय पर नशीले पदार्थों की बरामदगी और नशे के खिलाफ अभियान में सफलता पाई है.
इस समय सिलीगुड़ी शहर में हाल ही में एक शिशु की बरामदगी तथा इस प्रकरण में पुलिस अधिकारियों के द्वारा किए गए कार्यों की खूब चर्चा हो रही है. जिन पुलिस अधिकारियों के नाम सुर्खियों में है, उनके नाम हैं एसआई विनोद झा, मेडिकल चौकी, एसआई संजय राय, माटीगाड़ा थाना, एएसआई सुमित सरकार ,एसआई शैलेश सुब्बा, एस आई गणेश राय, डीडी एएसआई प्रलय चक्रवर्ती, डीडी एसआई सुशांत दे, डीडी एएसआई संजय वसुनिया आदि.
इन पुलिस अधिकारियों ने भूसे के ढेर में सुई तलाशने जैसा कार्य करके यह साबित करने की कोशिश की है कि कुशाग्र बुद्धि, सूझबूझ और सतर्कता पूर्वक कार्य किया जाए तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों का भी आसानी से मुकाबला किया जा सकता है. देखा जाए तो बच्चा चोरी प्रकरण में ऐसा कोई सुराग नहीं था, जिसके जरिए चोरी गया शिशु तथा शिशु चोर तक पहुंचा जा सकता था. परंतु इन पुलिस अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज और अंधेरे में तीर चलाते हुए जिस अभिनव स्वरूप को सबके सामने रखा है, निश्चित रूप से वह बधाई के पात्र हैं. यही कारण है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन के एडीसीपी शुभेंदु कुमार ने उन सभी की पीठ थपथपाई है. इस अभियान का नेतृत्व डीडी के एसीपी राजेन छेत्री कर रहे थे.
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस का इतिहास देखा जाए तो सिलीगुड़ी शहर की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति से लेकर अतिक्रमण हटाओ तथा दूसरे प्रकरण में हमेशा ही एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है. सिलीगुड़ी शहर की जनता भविष्य में भी उनसे ऐसे ही बहादुरी पूर्ण कार्य की उम्मीद रखती है.