क्या आने वाले समय में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन उत्तर बंगाल और अपने आसपास के छोटे बड़े स्टेशनों को कमांड करेगा? यह सवाल काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि इस समय इसका उत्तर देना जरा मुश्किल है. पर जिस द्रुतगति से एनजेपी स्टेशन को विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है, इसे देखते हुए आश्चर्यजनक नहीं होगा जब आने वाले समय में एनजेपी स्टेशन को स्वतंत्र इकाई के रूप में डिवीजन के रूप में रेलवे घोषित कर सके! आज तो भाजपा विधायक शिखा चटर्जी ने तो इसकी मांग भी कर दी. उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में कुछ तथ्य भी रखे हैं, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है. हो सकता है कि कल उनके समर्थन में विभिन्न संगठन भी सामने आए.
केंद्र की भाजपा सरकार और रेलवे मंत्रालय ने सिलीगुड़ी, उत्तर बंगाल और पूरे बंगाल में रेलवे को उच्च स्तरीय बनाने की प्राथमिकता सूची में शामिल किया है. यहां रेलवे नेटवर्क को काफी मजबूत किया जा रहा है. छोटे सहायक स्टेशनों का जीर्णोद्धार और कायाकल्प के साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे कि यात्रियों की सुविधा में बढ़ोतरी हो सके. स्वयं न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने के लिए रेलवे मंत्रालय ने 350 करोड़ आवंटित किए हैं और इस पर तेजी से काम चल रहा है. यात्री सुविधा समिति पीएसी के अध्यक्ष पी. कृष्ण दास ने भी स्वीकार किया है कि उत्तर बंगाल में रेल संचार व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. वंदे भारत एक्सप्रेस एक ताजा उदाहरण है. यह रेलगाड़ी रोजाना न्यू जलपाईगुड़ी और कोलकाता के बीच चक्कर लगाती है.
एनजेपी स्टेशन से ही गुवाहाटी के लिए दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस तैयार खड़ी है. पिछले काफी समय से एनजेपी, सिलीगुड़ी जंक्शन और आसपास के स्टेशनों का विस्तार तथा विद्युतीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. रेलगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ाई जा रही है. रेल यात्रियों की सुविधा तथा अन्य व्यवस्थाओं के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है, यह सब देखने के लिए यात्री सुविधा समिति के चेयरमैन पी कृष्णदास के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों के रेल प्रभारी यहां दौरा करके जा चुके हैं. उन्होंने माना है कि यात्री सुविधाओं के विस्तार के लिए रेल अधिकारी सफलतापूर्वक प्रयास कर रहे हैं.
एनजेपी स्टेशन उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख स्टेशन है. विस्तार के बाद यह स्टेशन विश्वस्तरीय स्टेशन बनेगा तो यहां से अपने आप रेलवे का विशाल नेटवर्क जुड़ेगा. उस समय एनजेपी स्टेशन के लिए हो सकता है कि रेलवे के द्वारा एक बड़े उपहार की घोषणा कर दी जाए! केवल इतना ही नहीं,एनजेपी स्टेशन सिक्किम, दार्जिलिंग और समतल के रेल यात्रियों से सीधा जुड़ा है.यह स्टेशन भविष्य में सेवक रंगपो रेल परियोजना से भी जुड़ेगा. एनजेपी स्टेशन से ही बरसों से टॉय ट्रेन दार्जिलिंग के लिए चल रही है. इस तरह से देखा जाए तो एनजेपी स्टेशन काफी महत्वपूर्ण स्टेशन है. यही कारण है कि रेलवे इस स्टेशन के विकास तथा आधुनिकीकरण के लिए कई कदम उठा रहा है.
इस समय भारत तेल संकट से जूझ रहा है. पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में बढ़ोतरी के बाद भारतीय रेलवे रेलगाड़ियों के लिए इंधन के रूप में हाइड्रोजन तथा इलेक्ट्रिसिटी पर जोर दे रहा है. जहां तक टॉय ट्रेन की बात है, सूत्र बता रहे हैं कि आने वाले कुछ समय में टॉय ट्रेन को उन्नत बनाने के लिए कुछ और बड़े कदम उठाए जा सकते है. हालांकि रेलवे के द्वारा अभी इस पर कोई बड़ी बात नहीं कही गयी है. विश्वसनीय सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है,उसके अनुसार बहुत जल्द सिलीगुड़ी अथवा एनजेपी से हाइड्रोजन ट्रेन तथा इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने लगेगी. रेलवे सूत्रों ने बताया कि शायद एक दो साल के अंदर ही यह कार्य योजना पटरी पर लौट सके!