बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर से विपक्षी पार्टियों को एक नया मुद्दा थमा दिया है. यह मुद्दा राशन कार्ड से जुड़ा है. राशन कार्ड की जांच के जरिए सरकार अनेक अपात्र लोगों को राशन कार्ड से वंचित कर सकती है. विपक्षी पार्टियों के द्वारा इसका दुष्प्रचार इस तरह से किया जा सकता है कि सरकार अब लोगों को राशन कार्ड से वंचित करने जा रही है.
इसका उन राज्यों में, जहां चुनाव होने हैं, व्यापक असर होने वाला है. अगर आप राशन कार्ड के जरिए सरकारी राशन दुकानों से हर महीने सरकार से मिलने वाला राशन उठाते हैं, तो आपके लिए जानना जरूरी है कि आपका राशन कार्ड भी निष्क्रिय हो सकता है या फिर हमेशा के लिए आपका राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है.
केंद्र सरकार की ओर से पात्र लोगों को हर महीने राशन मिलता है. वर्तमान में केंद्र सरकार लोगों को निःशुल्क राशन प्रदान कर रही है. परिवार के एक सदस्य को 5 किलो बिना किसी मूल्य के राशन मिलता है. सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को एक आदेश जारी किया है. इसके अनुसार ऐसे लोगों का राशन कार्ड निष्क्रिय अथवा हमेशा के लिए रद्द किया जा सकता है, जो पिछले 6 महीने से राशन नहीं ले रहे हैं.
वर्तमान में पूरे देश में 23 करोड़ राशन कार्ड मौजूद हैं, जो एक्टिव है. केंद्र सरकार के जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई परिवार 6 महीने तक राशन नहीं उठाता है, तो उनका राशन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा. इसके बाद अधिकारी घर-घर जाकर जमीनी सच्चाई का पता करेंगे. या फिर ई केवाईसी की मदद से पात्रता तय होगी. उसके बाद राशन कार्ड को सक्रिय किया जा सकता है.
सरकार के इस कदम से डुप्लीकेट या फर्जी राशन कार्ड धारियों का पता चलेगा. सरकार के इस कदम से वैसे लोगों के भी नाम कट जाएंगे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. परंतु उनके नाम पर परिवार वाले राशन उठा रहे हैं. ऐसी शिकायत मिली है कि बहुत से डुप्लीकेट अथवा फर्जी राशन कार्ड बनाए गए हैं, जिनके जरिए अपात्र लोग भी राशन की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन वे राशन नहीं उठाते हैं.
हालांकि केंद्र सरकार ने पिछले साल 2024 में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली का डिजिटलीकरण किया था, तो पूरे देश में 5.8 करोड़ राशन कार्ड फर्जी पाए गए थे, जिन्हें रद्द कर दिया गया था. बताया जा रहा है कि सरकार के इस नए कदम से लगभग 7 से 18% राशन कार्ड फिर से रद्द हो सकते हैं.
सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि इस अभियान का मकसद उन लोगों को राशन प्रणाली से अलग करना है, जो राशन के योग्य नहीं हैं.वर्तमान में पूरे देश में 80 करोड़ से ज्यादा लोग मुफ्त में राशन प्राप्त कर रहे हैं. सरकार का यह कदम आने वाले समय में राजनीतिक दलों के लिए एक तूफान खड़ा कर सकता है. राजनीतिक दल इसका विरोध ना करें और जनता में दुष्प्रचार ना करें, ऐसा लगता नहीं है. उ
उपभोक्ता तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक 5 साल में राशन कार्ड की योग्यता का पता लगाया जाएगा. यानी हर 5 साल में राशन कार्ड की जांच की जाएगी. अगर आपके घर में 5 साल से कम उम्र का बच्चा राशन का सदस्य है तो उसका आधार नंबर अनिवार्य हो गया है. जबकि 5 साल पूरा होने के बाद केवाईसी जरूरी है.