वर्तमान समय में घर-घर तक बैंक पहुंच गया है. हर व्यक्ति का बैंक में खाता है. जनधन योजना के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी बैंक में खाता खुलवाए. इसके अलावा विद्यार्थी से लेकर नौकरी पेशा और कारोबारी सभी के बैंक में खाता है. कई लोगों का तो विभिन्न बैंकों में एक से ज्यादा अकाउंट हैं. आपका भी विभिन्न बैंकों में एक से ज्यादा अकाउंट हो सकता है. ऐसे में यह लेख आपके लिए है. आप किस तरह से अपने एक से अधिक अकाउंट रख सकते हैं अथवा जरूरत ना हो तो अकाउंट बंद करवा सकते हैं, इन सब के बारे में जानना जरूरी है.
अगर आप एक आम आदमी हैं और आमदनी के ज्यादा स्रोत नहीं है तो बेहतर होगा कि आप एक ही अकाउंट रखें. क्योंकि जितने अधिक अकाउंट होंगे, उतने ही ज्यादा बैंक चार्ज भी काटेगा. बैंकों के ग्राहकों से वसूले जाने वाले चार्ज में शामिल है डेबिट चार्ज, बैंकों द्वारा ग्राहकों को भेजे जाने वाले मैसेज पर लगने वाला चार्ज के अलावा अब प्रत्येक बैंक में मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर आप मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो बैंक चार्ज काटेगा. इसके अलावा अपने अकाउंट को लगातार अपडेट रखना भी जरूरी है, अन्यथा आपका खाता निष्क्रिय हो जाएगा. खाता को सक्रिय बनाने के लिए आपको फिर से केवाईसी की प्रक्रिया अपनानी होगी. इसमें समय और धन दोनों की बर्बादी होती है.
बैंकों में एक से अधिक अकाउंट उन लोगों को रखना चाहिए जो विभिन्न तरह के कारोबार से जुड़े हैं या फिर जिनके पास आय के विभिन्न स्रोत हैं.ऐसे लोग अपने खाते को अधिक कुशलता के साथ मेंटेन करते हैं. आजकल नेट बैंकिंग तथा एटीएम कार्ड आदि के कारण बैंक खाते को ऑपरेट करना आसान हो गया है. यही कारण है कि विभिन्न बैंकों के द्वारा ग्राहकों को नए-नए खाता खोलने के लिए आकर्षित किया जाता है. अब तो ऑनलाइन बैंक अकाउंट ओपन भी शुरू हो चुका है. परंतु आपको खाता तभी खुलवाना है जब आप इसकी जरूरत महसूस करते हो. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि खाते पर बैंक को एटीएम तथा दूसरे चार्ज भी समय-समय पर देने होते हैं.
अगर आप यह सब कर सकते हैं तो बेशक एक से अधिक बैंकों में अकाउंट खुलवा सकते हैं. यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है कि आजकल साइबर फ्राड की घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई है. जितने अधिक अकाउंट रखेंगे, उतना ही ज्यादा डर बना रहेगा. क्योंकि साइबर शातिर आप पर नजर रखते हैं. इस तरह से एक से अधिक बैंकों में अकाउंट रखना और ना रखना दोनों ही आपके हाथ में है. इसके लाभ और हानि दोनों ही आपके सामने हैं. पूरे विचार करके ही फैसला करें.