September 16, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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इस बार सिलीगुड़ी को हिल्सा मछली का स्वाद चखने को नहीं मिलेगा!

अगले हफ्ते दुर्गा पूजा शुरू हो रही है. पूजा के दौरान जहां खाने-पीने के समान महंगे हो जाते हैं तो दूसरी तरफ मछलियों के दाम भी बढ़ जाते हैं. दुर्गा पूजा के दौरान और किसी मछली का दाम बढे या ना बढे, लेकिन हिल्सा मछली का दाम इस कदर बढ़ जाता है कि यह सामान्य और मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर हो जाती है.

दुर्गा पूजा के दौरान हिल्सा मछली की मांग बढ़ जाती है. सिलीगुड़ी और बंगाल में मछली की खपत सबसे ज्यादा है. मछलियों में हिल्सा मछली बंगाल की सुपर पसंद मछली है. यह मछली सामान्य दिनों में भी काफी महंगी होती है. इसकी कीमत ₹1000 से लेकर ₹1500 प्रति किलो तक है. यही कारण है कि सभी के लिए इस मछली को प्राप्त करना दुर्लभ होता है. लेकिन जिन लोगों का फेवरेट जायका हिल्सा मछली है, वह हर हालत में यह मछली खाना पसंद करते हैं.

अगर आप भी हिल्सा मछली का स्वाद लेना चाहते हैं तो भूल जाइए. क्योंकि इस बार हिल्सा मछली बाजार में कम से कम ढाई हजार रुपए से लेकर ₹3000 किलो तक बिक सकती है. इसका कारण क्या है? दरअसल हिल्सा मछली बांग्लादेश से आती है. बांग्लादेश से इस मछली का आयात किया जाता है. बांग्लादेश की पद्मा नदी हिल्सा मछली के लिए मशहूर है. इस बार मछली की कम पैदावार होने के कारण बांग्लादेश के द्वारा बंगाल को पहले की तुलना में आधे परिमाण में मछली भेजी जा रही है.

जबकि बंगाल में हर समय हिल्सा मछली की मांग रहती है. आपूर्ति करने वाला बांग्लादेश है. इस बार बांग्लादेश में खुद ही हिल्सा मछली का संकट है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि भारत के साथ रिश्ते खराब होने के कारण बांग्लादेश पर्याप्त मात्रा में बंगाल को हिल्सा मछली का निर्यात नहीं कर रहा है.

सूत्रों ने बताया कि इस बार बांग्लादेश केवल 1200 टन ही हिल्सा यहां भेजेगा. जबकि विगत साल में बांग्लादेश की ओर से 3000 टन भेजने की बात थी, जिसमें से 2420 टन हिलसा मछली बंगाल में भेजी गयी थी. बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्रालय से प्राप्त अधिसूचना के बाद बंगाल के मछली व्यापारी मायूस हो गए हैं.

मछली व्यापारियों की चिंता है कि खपत ज्यादा और आपूर्ति कम होने से इस बार हिलसा मछली का दाम आसमान छू सकता है. सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश सरकार ने पश्चिम बंगाल के मछली पालन विभाग को सूचित किया है कि हिल्सा मछली खुद बांग्लादेश में ही 7000 टन कम हुई है. ऐसे में बांग्लादेश बंगाल को 3000 टन हिल्सा का निर्यात नहीं कर सकता है. अगर इतनी मात्रा में हिल्सा मछली बंगाल में आ जाती तो शायद यहां के व्यापारी सब जगह इसकी आपूर्ति करने में सक्षम होते.

जो भी हो, यह स्पष्ट है कि इस बार पूजा के दौरान हिलसा मछली का दाम आसमान छूने वाला है. ऐसे में सामान्य और मध्यम वर्ग के उपभोक्ता शायद ही इस मछली का स्वाद चख सके!

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