इस समय पहाड़ में 14 वर्षीय छात्र ईशान गुरुंग के अपहरण और उसका अब तक सुराग नहीं मिलने का प्रकरण सुर्खियों में है. विभिन्न संगठनों के द्वारा दिनदहाड़े एक छात्र के अपहरण के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है. पहाड़ की जीवन रेखा नेशनल हाईवे 10 पर धरना प्रदर्शन और पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है. पहाड़ के स्थानीय नेता भी इसमें कूद पड़े हैं. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक चिट्ठी लिखी है.
सूत्र बता रहे हैं कि पिछले दिनों अपहृत छात्र के परिजनों और स्थानीय लोगों ने सेवक पुलिस चौकी के सामने धरना प्रदर्शन किया और उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 को घंटो जाम रखा था. पहाड़ से जुड़ा मामला होने तथा चौतरफा दबाव के बाद राज्य सचिवालय के द्वारा पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है. घटना के तीन दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक ईशान गुरुंग का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है. स्थानीय लोग नाराज हैं. उन्हें लगता है कि पुलिस सक्रिय रूप से काम नहीं कर रही है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अपने तरीके से अपहृत छात्र का पता लगा रही है.
यह घटना उस समय हुई, जब 23 अगस्त को कृष्ण माया मेमोरियल नेपाली हाई स्कूल का छात्र ईशान सड़क किनारे खड़ा था. दोपहर का समय था. ठीक उसी समय एक सफेद रंग की कार उसके सामने आकर रुकी. कार से कुछ लोग नीचे आए. उन्होंने ईशान से कुछ देर तक बातचीत की और फिर उसे कार में जबरन बैठा कर फरार हो गए थे. यह घटना 10 माईल फॉरेस्ट बस्ती इलाके में घटी, जो सेवक पुलिस चौकी के अंतर्गत आती है.
पहाड़ में इस तरह का यह पहला मामला था, इसलिए स्थानीय लोग और संगठन बच्चों की सुरक्षा से जोड़कर इसे देख रहे हैं और पुलिस प्रशासन पर लगातार दबाव बना रहे हैं. हालांकि स्थानीय पुलिस सफेद कार का पता लगाने में जुटी है. इसके अलावा घटना के समय वहां उपस्थित लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. यह पूरा मामला अपहरण का है या व्यक्तिगत रंजिश, पुलिस इस एंगल से भी घटना की जांच कर रही है. एक बात तो साफ है कि बच्चे से किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है. अगर फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण किया गया है तो पुलिस के पास इसका भी अब तक कोई पक्का सबूत या साक्ष्य नहीं मिला है.
भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने इस घटना पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है और कहा है कि पहाड़ में स्कूली बच्चे भी अब सुरक्षित नहीं है. पुलिस प्रशासन लापरवाह है. उन्होंने इस मामले में विशेष जांच दल यानी एसआईटी के गठन की मांग की है. दूसरी तरफ पहाड़ के अन्य संगठन भी चाहते हैं कि पुलिस जल्द से जल्द अपहरण कर्ताओं को पकड़े तथा बच्चे को सुरक्षित बरामद करे.
ईशान गुरुंग के घर में सन्नाटा पसरा हुआ है. उसके माता-पिता अपने बच्चे के लिए काफी चिंतित हैं जो स्वाभाविक भी है. ईशान के पिता का नाम किशोर गुरुंग जबकि मां का नाम सुनीता घले है. पुलिस उनसे भी पूछताछ कर रही है. वह भी पुलिस को लगातार सहयोग कर रहे हैं. इस बीच ऊपरी दबाव बढ़ने के साथ ही पुलिस प्रशासन ने इस मामले में जांच कार्रवाई तेज कर दी है. संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस की तरफ से आश्वासन दिया जा रहा है कि बच्चे को सुरक्षित बरामद किया जाएगा. इस तरह से रणनीति तैयार की जा रही है.