ईस्टर्न बाईपास पर एक बार फिर से सड़क दुर्घटना में दो लड़कों की मौत के बाद प्रशासन सड़क को दुर्घटना रहित बनाने के प्रयास में जुट गया है. आज सुबह ट्रैफिक एसीपी और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर मौके पर पहुंचे और यह मुआयना करना शुरू कर दिया है कि किस तरह से बाईपास पर सड़क हादसों के खतरे को कम किया जा सकता है. मिली जानकारी के अनुसार ईस्टर्न बाईपास पर भक्ति नगर से लेकर बाणेश्वर मोड और आगे तक जगह-जगह बंपर लगाए जाएंगे ताकि रफ्तार के कहर को नियंत्रित किया जा सके.
इससे पहले लगभग 1 महीने पहले हुए हादसे के बाद सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस ने बाईपास पर हेलमेट, ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था. आपको याद होगा कि बाणेश्वर मोड़ के नजदीक एक सड़क दुर्घटना हुई थी.एक ट्रक ने स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी थी. इस हादसे में 7 साल के एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी. हादसे के बाद ट्रैफिक पुलिस ने ईस्टर्न बाईपास पर विशेष अभियान चलाया था.जुर्माना वसूलने के साथ-साथ वाहन चालकों को हेलमेट, फूल और मिठाइयां तक बांटी गई थी. लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और सड़क दुर्घटनाओं में मौत का सिलसिला थम नहीं पाया है.
एक बार फिर से इसी सड़क पर एक दर्दनाक हादसा हुआ है. डंपर की टक्कर में दो लड़कों की मौत हो गई और एक लड़का गंभीर रूप से घायल है. यह घटना कल देर शाम की है, जब आशिधर मोड़ के पास ईस्टर्न बाईपास सड़क पर तीन लड़के एक स्कूटी में सवार होकर जा रहे थे. उन्होंने हेलमेट नहीं पहन रखा था. तीनों लड़के चेक पोस्ट से आमबाडी की ओर जा रहे थे.
जब उनकी स्कूटी आशिधर मोड के नजदीक पहुंची, तभी पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे एक डंपर ने स्कूटी को पीछे से टक्कर मार दी. टक्कर जोरदार थी. टक्कर लगते ही स्कूटी सवार दो युवक दाहिनी ओर, एक युवक बायी ओर सड़क पर गिर गया. प्रत्यक्षदर्शियो के अनुसार दाहिनी ओर गिरे दोनों लड़कों के सिर के ऊपर से डंपर गुजर गया. इससे दोनों के सिर बुरी तरह कुचल गए. मौके पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई.
घटना की सूचना मिलते ही आशीधर चौकी और भक्ति नगर पुलिस मौके पर पहुंची. घायल लोगों को इलाज के लिए सिलीगुड़ी जिला अस्पताल भेजा गया. अस्पताल के डॉक्टरों ने दो युवकों को मृत घोषित कर दिया जबकि तीसरे युवक का इलाज चल रहा है. आज दोनों युवकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है. लडके आमतला इलाके के रहने वाले बताए गए हैं.ऐसे में सवाल उठता है कि ईस्टर्न बाईपास पर बार-बार सड़क दुर्घटनाएं क्यों होती है? अगर वर्तमान घटना को देखा जाए तो एक स्कूटी पर तीन लड़के सवार थे. और तीनों ही लड़के बिना हेलमेट के थे.
दूसरी तरफ ईस्टर्न बाईपास सड़क पर ट्रैफिक नियमों का पालन वाहन चालक बहुत ही कम करते हैं. रात के समय जब यहां अंधेरा रहता है और ट्रैफिक पुलिस भी नहीं होती तो ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ती रहती है. आरोप है कि ईस्टर्न बाईपास सड़क पर सबसे ज्यादा डंपर, ट्रक, पिकअपवैन के चालक खतरनाक तौर पर वाहन चलाते हैं.उन्हें ट्रैफिक नियमों की कोई परवाह नहीं होती. यहां के लोग बताते हैं कि जब कभी ट्रैफिक पुलिस के लोग उन्हें डिटेन करते हैं तो वे कुछ ही समय में ले देकर छूट जाते हैं.
ऐसे में ईस्टर्न बाईपास पर ट्रैफिक नियमों की स्थिति में कैसे सुधार होगा और जहां तक दोपहिया वाहन चालकों की बात है तो दिन में तो हेलमेट देखे जा सकते हैं, लेकिन रात के समय बिना हेलमेट में ही अधिकांश लोग गाड़ी चलाते हैं. खासकर कम उम्र के नौजवान लड़के तो इसकी परवाह ही नहीं करते. आज बाणेश्वर मोड़ के नजदीक हाथ में प्ले कार्ड लेकर हेलमेट अवेयरनेस का संदेश देता हुआ एक व्यक्ति दिखा जरूर, लेकिन जब तक वाहन चालक खुद में अवेयरनेस नहीं लाएंगे, तब तक ऐसे अवेयरनेस का उन्हें कितना लाभ मिलेगा.
इस घटना के बाद प्रशासन के द्वारा ईस्टर्न बाईपास सड़क पर गति लिमिट नियंत्रण के लिए बंपर की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार हो रहा है हो गई है. आने वाले समय में सड़क दुर्घटना को रोकने में इसका कितना लाभ मिलेगा, यह देखना होगा!
