नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित सिलीगुड़ी एक छोटा सा शहर है. परंतु इतना महत्वपूर्ण है कि देश विदेश में इसकी चर्चा होती है. पूर्वोत्तर राज्यों का प्रवेश मार्ग, दार्जिलिंग और सिक्किम जाने का मार्ग, नेपाल, भूटान ,बांग्लादेश से सटा सिलीगुड़ी शहर की चर्चा पर्यटन, चाय और हरियाली को लेकर होती रही है. परंतु इन दिनों सिलीगुड़ी शहर की चर्चा कभी सोना तस्करी, तो कभी यहां के माॅल आदि से सेक्स रैकेट पकड़े जाने, तो कभी नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर हो रही है.
आए दिन यहां होने वाली आपराधिक गतिविधियां सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के लिए भी चुनौती बनी हुई है. वर्तमान में सिलीगुड़ी में नशीले पदार्थों की तस्करी का सिलसिला सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलटन पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान say to no drugs के बावजूद थम नहीं रहा है. दूसरी ओर खुफिया राजस्व विभाग भी बहुमूल्य धातुओं की तस्करी को लेकर धड़ाधड़ अभियान चला रहा है. लेकिन स्थिति ढाक के पात की तरह देखी जा रही है.
और तो और वर्तमान में सिलीगुड़ी में आधुनिक संस्कृति के रेस्टोरेंट, मॉल, शॉपिंग सेंटर खुल जाने के बाद मसाज अथवा तथाकथित कंपनी आदि की आड़ में सेक्स रैकेट भी सक्रिय हो गए हैं. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलटन पुलिस जब तब ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ करती रहती है, परंतु इन सब के बावजूद ऐसी घटनाओं पर विराम नहीं लग रहा है. पिछले दिनों माटीगाड़ा पुलिस ने सिटी सेंटर के नजदीक ऐसे एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया था. जनवरी से लेकर अब तक दर्जनों ऐसे रैकेट विभिन्न स्थानों से पकड़े जा चुके हैं.
ऐसा कोई भी दिन नहीं बीत रहा होगा, जब सिलीगुड़ी और आसपास में सोना, ड्रग्स इत्यादि वस्तुओं की तस्करी की खबरें नहीं आती हो. हाल ही में माटी गाड़ा थाना की सफेद पोशाक पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर ऐसे 3 लोगों को ब्राउन शुगर की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिसमें तीनों ही लोग एक ही परिवार के हैं. माता पिता और पुत्री. जहां पूरा परिवार ऐसे धंधे में लिप्त हो वहां पुलिस के अभियान का कितना लाभ मिलेगा, यह समझने वाली बात है. इसी तरह से खुफिया राजस्व विभाग आए दिन सोना अथवा बहुमूल्य धातुओं की तस्करी के मामले पकड़ रहा है.
हाल ही में खुफिया राजस्व विभाग ने ऐसे 2 लोगों को सिलीगुड़ी के निकट राजगंज क्षेत्र से गिरफ्तार किया है, जो पूर्वोत्तर राज्यों से सोना तस्करी कर कोलकाता ले जा रहे थे. तलाशी के दौरान उनकी कार से 13 सोने की छड़े बरामद की गई. दोनों व्यक्ति मिजोरम के रहने वाले हैं. वे अपनी निजी कार से कोलकाता जा रहे थे. अगर पूर्व की घटनाओं पर नजर डालें तो ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्होंने सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के समक्ष एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है.
सिलीगुड़ी हमेशा से ही एक शांत व जिंदादिल शहर रहा है. बंगाल के दूसरे शहरों के मुकाबले यहां कानून एवं व्यवस्था की स्थिति भी अच्छी है. यहां विकास के कार्य भी हो रहे हैं. लेकिन इस सच्चाई के बावजूद सिलीगुड़ी शहर तस्करों के शिकंजे में लगातार कसता जा रहा है, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता. सिलीगुड़ी के वर्तमान पुलिस कमिश्नर से लेकर पूर्व के अनेक प्रशासनिक और पुलिस के आला अधिकारियों ने सिलीगुड़ी को अपराध के जंजाल से मुक्त कराने के अनेक अभियान चलाए, परंतु देखा जा रहा है कि इस पर लगाम तो नहीं लगी, उल्टे ऐसी घटनाओं में लगातार वृद्धि ही हो रही है. ऐसे में यह सवाल तो लाजमी है कि आखिर कब तक सिलीगुड़ी शहर तस्करों के जाल से मुक्त हो सकेगा?