मौजूदा समय में भारतीय रेल बांग्लादेश और कुछ समय पहले तक पाकिस्तान जाती थी. आने वाले समय में भारतीय रेल चीन की सीमा नाथूला तक जाएगी. जबकि नेपाल,म्यांमार और भूटान में भी रेल लाइन बिछाने की योजना बन चुकी है. नेपाल में तो रेल लाइन बिछाने का जैसे ड्राफ्ट भी तैयार हो चुका है. सर्वेक्षण और मुआयना का कार्य चल रहा है. जल्द ही काठमांडू तक रेल लाइन बिछते देख सकेंगे.
हाल ही में भारत सरकार ने अपने बजट में नेपाल के साथ 7 रेलवे लिंक, भूटान के साथ 2 लिंक, म्यांमार के साथ एक लिंक और बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह के साथ त्रिपुरा के बिलोनिया तक रेल लिंक के अलावा सिक्किम में रंगपो से गंगतोक तक 69 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ-साथ गंगटोक से नाथुला तक 260 किलोमीटर तक रेल लिंक के संपर्क के लिए आरंभिक सर्वेक्षण हेतु पर्याप्त धनराशि आवंटित की है. यह रेल लिंक भारत की सामरिक जरूरतों को पूरा करेगा. इसके साथ ही तिब्बत के साथ सीमा व्यापार के विस्तार के अवसर भी खोलेगा.
सिलीगुड़ी और काकरबिटटा व पानीटंकी नेपाल के बीच 40 किलोमीटर नई बड़ी लाइन के लिए अंतिम सर्वेक्षण के काम को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही 60.45 किलोमीटर लंबी कुशीनगर से कपिलवस्तु नई लाइन तथा कपिलवस्तु से बस्ती लगभग 91 किलोमीटर की परियोजना का सर्वेक्षण भी किया जाएगा. भारत के विदेश सचिव तथा नेपाल में भरत राज कोडियाल के साथ हुई बैठक में सीमा पार रेल और रोड कनेक्टिविटी विस्तार पर चर्चा हो चुकी है.
हालांकि पहाड़ी देशों जैसे नेपाल, तिब्बत और भूटान में ट्रैक बिछाने में कठिनाइयां आएंगी. तिब्बत से हिमालय के पहाड़ों को चीरकर रेलवे लाइन बिछाना आसान भी नहीं है. सूत्र बता रहे हैं कि उसका भी हल ढूंढ लिया गया है. प्रस्तावित बिहार के रक्सौल काठमांडू रेल लिंक पर आवश्यक प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने की सहमति बन चुकी है. नेपाल में काठमांडू तक दो अलग-अलग रेलवे लाइन बिछाने के लिए सर्वेक्षण हेतु रकम आवंटित की गई है. एक लाइन उत्तर प्रदेश के बढ़नी और काठमांडू के बीच जबकि रक्सौल से काठमांडू तक 136 किलोमीटर की नई विद्युतीकरण रेल लाइन के अंतिम स्थान का अभी सर्वेक्षण होना है.
सूत्रों ने बताया कि रक्सौल से काठमांडू के लिए जो रेल लाइन बनेगी उसे तरमिनी होते हुए काठमांडू तक रेल ले जाने की योजना है.रक्सौल से काठमांडू तक कुल 6 स्टेशन होंगे. इनमें जीतपुर, निजगढ़,शिकारपुर, साथीखेल और छोबार शामिल हैं. यहां लाइन बिछाने के बाद रक्सौल से ट्रेन के माध्यम से काठमांडू जाने में केवल 2 घंटे का समय लगेगा. म्यांमार में कोलोडआईना नदी बंदरगाह तक जोड़ने वाली 266 किलोमीटर की नई लाइन का सर्वेक्षण तथा दक्षिणी त्रिपुरा के बिलोनिया से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह तक नई लाइन बिछाने का सर्वेक्षण जल्दी ही किया जाएगा.