कूचबिहार के सीमावर्ती बाजार भवानीगंज में बरसों से चीनी और बांग्लादेशी उत्पादो॔ की बिक्री की जा रही है. अगर आप इस बाजार में आएं तो देख सकते हैं कि दुकानदारों की एक लंबी श्रृंखला है. जहां भांति भांति के बांग्लादेशी केक, कपड़े, प्लास्टिक, तंबाकू, Nets इत्यादि की बिक्री होते देख सकते हैं. इसी तरह से चीनी पट्टी की दुकानों में चीनी वस्तुएं जैसे इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, सजावटी सामान, अंडरगारमेंट्स ,टाॅवलस, बेड शीट्स इत्यादि मिल जाएंगे. ये सामान कुछ सस्ते होते है. इसलिए यहां ग्राहकों की भीड लगी रहती है. यहां से छोटे व्यापारी इन उत्पादों को बंगाल के दूसरे हिस्सों में ले जाते हैं.
भारत बांग्लादेश और भारत चीन से संबंध पूर्व में चाहे जैसे भी रहे हो, लेकिन हर हालत में यहां बांग्लादेशी और चीनी वस्तुएं देखी जाती रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब भवानीगंज बाजार में ना तो चीनी उत्पाद नजर आएंगे और ना ही बांग्लादेशी.जो कारोबारी और व्यापारी चीनी और बांग्लादेशी उत्पादों की खरीद बिक्री में व्यस्त है, वह भी अब अपनी दुकानों में विदेशी वस्तुएं नहीं रखेंगे. वह ग्राहकों को भी विदेशी वस्तुओ को नहीं खरीदने की सलाह देंगे तथा उनका मार्गदर्शन करेंगे.
बांग्लादेश सीमा से सटे कूचबिहार जिले के भवानीगंज बाजार में चीनी पट्टी नाम से मशहूर काम्प्लेक्स में 4700 से अधिक ऐसी दुकाने हैं,जहां चीन और बांग्लादेश के निर्मित उत्पाद भारतीय दुकानदार बेचते हैं. चीनी उत्पादों में इलेक्ट्रॉनिक के सामान व अन्य वस्तुएं शामिल है. जबकि बांग्लादेशी उत्पादों में वस्त्र इत्यादि शामिल है. यहां पर सीमावर्ती क्षेत्र के लोग इन उत्पादों का खूब इस्तेमाल करते हैं. यहां से ये उत्पाद बंगाल के दूसरे जिलों में भी भेजे जाते हैं.
भारत-बांग्लादेश और भारत-पाकिस्तान के संबंध अच्छे नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशवासियों में राष्ट्र प्रेम जगा है. देसी वस्तुओं का इस्तेमाल और विदेशी वस्तुओं खासकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में निर्मित वस्तुओं का बहिष्कार शुरू हो चुका है. यहां बाजार में एक कैंपेन चलाया जा रहा है, जहां चीन और बांग्लादेश की वस्तुएं दुकानों में नहीं बेचने की दुकानदारों को सलाह दी जा रही है. इसके अलावा कैंपेन में शामिल सदस्य ग्राहकों को चीनी और बांग्लादेशी उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दे रहे हैं.
यहां के व्यवसायी और ट्रेडर्स जागरूकता अभियान चला रहे हैं. वास्तव में पहलगाम अटैक ने पाकिस्तान के प्रति भारतीयों की नफरत को हवा दी है. पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी. इसलिए यहां चीनी वस्तुओं का बहिष्कार किया जा रहा है. चीन ने बांग्लादेश को सहयोग देना शुरू किया है. बांग्लादेश के कई नेता भारत विरोधी बयान दे रहे हैं. सिलीगुड़ी चिकन नेक पर स्थित यह बाजार काफी समय से चीनी वस्तुओं के लिए मशहूर रहा है. यहां बांग्लादेश से भी भारी मात्रा में वस्तुएं बिक्री के लिए आती है, जिसका इस्तेमाल स्थानीय निवासी करते हैं.
भारतीय ट्रेडर्स का कहना है कि चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद कर रहा है.चीन बांग्लादेश की भी मदद कर रहा है और बांग्लादेश के नेता भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. इसके बावजूद चीनी और बांग्लादेशी वस्तुएं बाजार में आ रही है. दोनों देश खूब लाभ कमा रहे हैं.ऐसा हम होने नहीं देंगे.इसलिए दुकानदारों, मालिकों और ग्राहकों को समझाया जा रहा है कि वह बांग्लादेश और चीन के माल ना खरीदे. कूचबिहार व्यवसाय समिति के लोग जनता और दुकानदारों से लगातार अपील कर रहे हैं. अब देखना होगा कि ट्रेडर्स की अपील का दुकानदारों और ग्राहकों पर कितना असर पड़ता है और क्या चीनी और बांग्लादेशी वस्तुओं की यहां बिक्री पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा?