काफी दिनों से कोरोनावायरस को हम लगभग भूल ही चुके हैं. फेस मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग आदि की ओर हमारा कोई ध्यान नहीं है. सिलीगुड़ी वासियों ने यही समझ लिया कि अब कोरोना से उनका पिंड हमेशा के लिए छूट गया है. लेकिन एक बार फिर से कोरोना ने यू टर्न मारकर लोगों को स्तब्ध कर दिया है. ऐसे में सिलीगुड़ीवासियों के लिए यही सलाह है कि पीछे छूट गए फेस मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग का एक बार फिर से प्रयोग करना शुरू कर दें. यह भी हो सकता है कि राज्य सरकार की ओर से एक-दो दिन में कोरोना से बचाव हेतु दिशा निर्देश जारी किया जा सके.
आप सोच रहे होंगे कि कोरोना तो चीन, अमेरिका, ब्राजील, जापान, कोरिया आदि देशों में आया है. सिलीगुड़ी और भारत को डरने की क्या जरूरत है! अगर कोरोना का पिछला इतिहास देखें तो चीन के कोरोना से भारत को बिल्कुल डरने की जरूरत है. अब तक यही देखा गया है कि चीन में कोरोना की लहर के लगभग 3-4 महीने बाद भारत में भी कोरोना की लहर आई. चीन में कोरोना की पहली लहर सितंबर 2019 में आई थी. भारत में कोरोना की पहली लहर चीन की पहली लहर के लगभग 4 महीने बाद जनवरी 2020 में आई थी. चीन में कोरोना की दूसरी लहर नवंबर 2020 में आई थी जबकि भारत में कोरोना की दूसरी लहर चीन की दूसरी लहर से लगभग 4 महीने बाद मार्च 2021 में आई थी. चीन में कोरोना की तीसरी लहर सितंबर 2021 में आई थी और भारत में लगभग 3 महीने बाद दिसंबर 2021 में आई थी. चीन में कोरोना की चौथी लहर नवंबर 2022 में आ चुकी है. ऐसे में क्या भारत में कोरोना की चौथी लहर फरवरी-मार्च 2023 में आएगी?
यह आशंका इसलिए भी प्रबल हुई है कि भारत में चीन के नए वैरीअंट बीएफ 7 के तीन मामले आ चुके हैं. गुजरात में दो और उड़ीसा में एक मामला सामने आया है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडवीया ने कोविड को लेकर समीक्षा बैठक की है. इससे पहले भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशिका जारी कर दी थी. उड़ीसा सरकार ने प्रदेश के लोगों को मास्क पहनने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश जारी कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र के दिशा निर्देश का ध्यान रखते हुए राज्य में हालातों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मॉनिटरिंग कमिटि बनाने का स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है.
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ सिद्धार्थ नियोगी ने कहा था कि राज्य में लगातार कोविड की टेस्टिंग और मैनेजमेंट किया जा रहा है ताकि रोग के प्रसार को रोका जा सके. पश्चिम बंगाल में पिछले 1 सप्ताह की कोरोना की स्थिति पर नजर रखें तो आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोरोना के मामले पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं. 13 दिसंबर को प्रदेश भर में कोरोना के 5, 14 तारीख को 6, 15 तारीख को दो ,16 तारीख को 9, 17 तारीख को दो, 18 तारीख को 0, 19 तारीख को एक नया मामला सामने आया. राज्य में रिकवरी रेट भी अच्छी है. लगभग 98.98%, जबकि पॉजिटिविटी रेट 0.16% है.वर्तमान में प्रदेश में केवल 43 सक्रिय मामले हैं. 36 लोग होम आइसोलेशन में हैं जबकि 7 लोग अस्पताल में रहकर इलाज करा रहे हैं.
सिलीगुड़ी, प्रदेश और भारत के लिए राहत की बात यह है कि यहां भारी संख्या में लोगों ने बूस्टर डोज भी लगवा लिया है. विशेषज्ञों की सलाह है कि जिन लोगों ने अब तक बूस्टर डोज नहीं लिया है उन्हें बूस्टर डोज तुरंत लेने की जरूरत है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि कोरोना से बचाव के जितने भी उपाय हैं, उन सभी उपायों को तुरंत अपना लेने की जरूरत है. ताकि यहां कोरोना संक्रमण का प्रसार ना हो सके.
नया वैरीअंट ओमीक्रोन से कितना अलग है, अभी इस पर शोध चल रहा है. यह भी कि इसका असर डोज ले चुके लोगों पर कितना होता है, इसका भी अध्ययन किया जा रहा है. वैसे सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि नया वैरीअंट सबसे अलग है. इसमें संक्रमित व्यक्ति को खांसी और बुखार भी नहीं होता. जबकि गांठ, गर्दन आदि में दर्द ,सिर में दर्द और न्यूमोनिया आदि की स्थिति उत्पन्न करने में सक्षम है.
जो भी हो, कोरोना की चौथी लहर आए या ना आए, सिलीगुड़ी वासियों को सतर्क हो जाने की जरूरत है. सतर्कता यानी सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क ,सैनिटाइजर आदि का इस्तेमाल शुरू कर देने में ही भलाई है!