हर सप्ताह 90 घंटे काम का मतलब 1 दिन में 12 घंटे से भी ज्यादा काम. वह भी हफ्ते के पूरे सातों दिन. क्या आप एल&टी चेयरमैन सुब्रमण्यम के विचारों से सहमत हैं? जिन्होंने अपने कर्मचारियों को हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी है. उनकी इस सलाह के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. एल&टी चेयरमैन की सैलरी को ही बहस का मुद्दा बनाया जा रहा है, जो करोड़ों में है.
सुब्रमण्यम ने कहा था कि रविवार को घर पर आराम करने तथा पत्नी का ज्यादा समय तक चेहरा देखने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय आप दफ्तर में काम करें. उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि सुब्रमण्यम पहले अपनी सैलरी देखें. वे बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. सुब्रमण्यम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने कर्मचारियों को हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दे रहे थे. उन्होंने अपने बयान में कहा कि घर पर रहकर अपनी पत्नी को कितना निहारोगे? घर पर कम और ऑफिस में ज्यादा समय दें.
आपको याद होगा कि पिछले साल इंफोसिस के को-फाउंड एन आर नारायण मूर्ति ने भी प्रति हफ्ते 70 घंटे काम का सुझाव दिया था. इसके बाद इस पर भी हंगामा खड़ा हो गया, जो हंगामा आज सोशल मीडिया पर दिख रहा है. एक अध्ययन से पता चलता है कि दुनिया में औसतन काम के घंटे 40 से 50 घंटे तक हैं. हालांकि विकसित देशों में साप्ताहिक कार्य के घंटे कम रखे जाते हैं. कई देश ऐसे हैं जहां हफ्ते में तीन या चार दिन काम किए जाते हैं. भारत में भी 5 दिन काम करने की किसी समय चर्चा हो रही थी. फिलहाल यह चर्चा बंद है.
भारत में कई निजी संस्थान है, जहां घर से फैक्ट्री जाने का समय तो निश्चित है, परंतु फैक्ट्री से लौटने का समय निर्धारित नहीं होता है. हालांकि निर्धारित 8 घंटे से ज्यादा काम करने वालों को ओवरटाइम भी मिलता है. आंकडो से पता चलता है कि भारत दुनिया भर में सबसे अधिक काम करने वाले देशों में शामिल है. इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार औसत भारतीय कर्मचारी हर हफ्ते 46 घंटे से ज्यादा काम करते हैं. इसी संगठन के अनुसार दुनिया में एक सप्ताह में सबसे ज्यादा घंटे काम भूटान में होता है. वहां 54 घंटे से ज्यादा काम प्रति सप्ताह होता है.
सऊदी अरब में 50 घंटे से ज्यादा, कतर में 48 घंटे काम होते हैं. जबकि बांग्लादेश, पाकिस्तान, चीन जैसे देशों में भी प्रति हफ्ते ज्यादा काम किए जाते हैं. बहरहाल सुब्रमण्यम के बयान और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ जाने के बाद कंपनी की ओर से उनका बचाव किया जा रहा है. एलएनटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस समय भारत में ग्रोथ की आवश्यकता है. क्योंकि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है. इसके लिए समर्पण और प्रयास की ज्यादा आवश्यकता है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि असाधारण परिणाम के लिए असाधारण प्रयास की सख्त आवश्यकता है.