केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी में सुधार के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि प्रायः व्यापारियों के द्वारा की जाने वाली टैक्स की चोरी में कमी आएगी या टैक्स चोरी की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पा लिया जाएगा. यह स्वाभाविक बात है कि अगर व्यापारियों को कम टैक्स देना हो तो शायद ही वे टैक्स चोरी की ओर ध्यान दें. सीजीएसटी सिलीगुड़ी के कमिश्नर डॉक्टर जितेश नागोरी का भी यही मानना है कि कम टैक्स से चोरी भी कम होती है.
पिछले लंबे समय से टैक्स चोरी के मामले में सीजीएसटी के अधिकारी सिलीगुड़ी से लेकर उत्तर बंगाल, सिक्किम आदि इलाकों में व्यापारियों की धर पकड़ कर रहे हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है. अब तक सिलीगुड़ी में एक से अधिक व्यापारी टैक्स चोरी के मामले में पकड़े भी जा चुके हैं और कुछ फरार भी चल रहे हैं. टैक्स चोरी किसी भी तरह से सही नहीं है. परंतु यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि आखिर व्यापारी टैक्स चोरी के लिए मजबूर क्यों होते हैं? इसके दो कारण हो सकते हैं. एक तो प्रक्रिया का जटिल होना और दूसरे में जीएसटी की दर सामान्य से ज्यादा ऊंची होना.
व्यापारियों के हित में सरकार ने ये दोनों कदम उठाये हैं. अब प्रक्रिया सरल भी हो गई है और वस्तुओं पर जीएसटी की दर बहुत कम हो गई है. इससे नहीं लगता है कि व्यापारी टैक्स चोरी की ओर लौटेंगे. जहां तक सिलीगुड़ी के व्यापारियों का प्रश्न है तो उन्हें कुछ मामलों में टैक्स प्रक्रियागत समस्या भी होती है, जिसे दूर करने की जरूरत है. अभी तक सिलीगुड़ी में जीएसटी विवाद के निपटारे के लिए कोई ट्रिब्यूनल नहीं है. यहां के व्यापारियों को विवाद की स्थिति में हाई कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ता है. अगर सिलीगुड़ी में जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन हो जाए तो निश्चित रूप से व्यापारियों की समस्या का समाधान होगा. और तो और उन्हें कम लागत और समय दोनों का ही लाभ मिलेगा.
सरकार ने व्यापारियों की इस परेशानी को समझा है और इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है. कुछ समय पहले सिलीगुड़ी के व्यापारियों ने सिलीगुड़ी में एक जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन करने से संबंधित दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट और सीजीएसटी सिलीगुड़ी के कमिश्नर डॉक्टर जितेश नागोरी को पत्र लिखा था. इस संबंध में सेवक रोड स्थित एक होटल में सीजीएसटी सिलीगुड़ी और लघु उद्योग भारती, उत्तर बंगाल शाखा के तत्वावधान में एक संवाद सभा का आयोजन किया गया.
इसमें उत्तर बंगाल और सिक्किम के लघु उद्यमी, चाय उद्योग, होटल और पर्यटन, रियल एस्टेट से जुड़े लोग शामिल हुए. इस बैठक में सीजीएसटी कमिश्नर डॉक्टर जितेश नागोरी , सांसद राजू बिष्ट आदित्य मित्रुका, प्रवीण अग्रवाल आदि भी मौजूद थे. मिल रही जानकारी के अनुसार इसी साल दिसंबर तक देश के अन्य भागों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में भी दो जीएसटी ट्रिब्यूनल स्थापित होंगे. जिसमें सिलीगुड़ी भी शामिल है. यहां ट्रिब्यूनल का गठन होने से जीएसटी का निपटारा त्वरित गति से होगा और सकारात्मक वातावरण मिलने से टैक्स चोरी भी कम होगी.
सांसद राजू बिष्ट सिलीगुड़ी व समस्त उत्तर बंगाल में एक स्वच्छ परिवेश के लिए तत्पर हैं. उन्होंने सिलीगुड़ी के व्यापारियों को आश्वासन दिया है कि जीएसटी से संबंधित उन्हें जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, उन कठिनाइयों को कम करने के लिए वे संसद में आवाज बुलंद करेंगे. लेकिन उससे पहले सरकार ने जीएसटी की दरों में कमी लाकर व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं के हित में एक अच्छा कदम उठाया है. व्यापारी भी इस बात को मानते हैं. लेकिन वह चाहते हैं कि जीएसटी के जो नियम है, उसमें और सुधार किया जाए.
ऐसा लग रह रहा है कि सिलीगुड़ी के व्यापार और उद्योग जगत में एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो रहा है. सरकार के जीएसटी संबंधित फैसले से सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के व्यापारियों को राहत जरूर मिली है और अब यहां जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन होने के बाद यही उम्मीद की जा रही है कि टैक्स चोरी के मामले कम हो जाएंगे और सिलीगुड़ी से लेकर सिक्किम तक उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में व्यापारी, उपभोक्ता और सरकार तीनों के हित पूरे होंगे.