प्रदेश भाजपा में कानाफूसी शुरू हो गयी है कि जल्द ही प्रदेश भाजपा के संगठन में बदलाव होने वाला है. केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव 2014 की रणनीति तैयार करने में जुटा है. भाजपा पश्चिम बंगाल में पिछले लोकसभा के चुनाव में मिली सीटों से भी ज्यादा सीटें पाना चाहती है. इसी के अनुरूप केंद्रीय नेतृत्व राज्य के भाजपा नेताओं के साथ मिलकर रणनीति तैयार कर रहा है.
पिछले दिनों भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया. इनमें से सांसद दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी इत्यादि नेता शामिल थे. शुभेंदु अधिकारी को तो केंद्रीय नेतृत्व ने लगातार दो बार बुलाया और उन्हें दो बार दिल्ली जाना पड़ा. जानकार मानते हैं कि प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ मिलकर केंद्रीय नेतृत्व आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मजबूत रणनीति तैयार कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अखिल भारतीय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल को लेकर एक रणनीति तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहुंचा दी है. सूत्र बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी भी लगभग सहमत हो चुके हैं. अगर केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति पर अमल किया जाता है तो आगामी दिनों में प्रदेश भाजपा के संगठन में कुछ फेरबदल देखने को मिल सकते हैं. सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष को राज्य विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है. हालांकि अभी यह एक अटकल मात्र है. प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं की तरफ से यह चर्चा शुरू की गई है.
चर्चा यह भी है कि केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और सांसद दिलीप घोष को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने जा रहा है. जबकि वर्तमान और मौजूदा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि शुभेंदु अधिकारी राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर एक दबंग नेता के रूप में अपनी पहचान छोड़ चुके हैं. अच्छा काम भी कर रहे हैं.ऐसे में नहीं लगता कि केंद्रीय नेतृत्व शुभेंदु अधिकारी को विपक्ष के नेता पद से हटाए.
सूत्रों ने बताया कि स्वयं शुभेंदु अधिकारी भी नहीं चाहते कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उनके अलावा और किसी विधायक को मौका दिया जाए. जहां तक सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक डॉक्टर शंकर घोष की बात है तो शंकर घोष एक तेजतर्रार और मंजे हुए नेता हैं. उन्हें राजनीति का पूरा अनुभव है. उत्तर बंगाल के प्रमुख भाजपा नेताओं और विधायकों में डॉक्टर शंकर घोष एक दमदार नेता के रूप में जाने जाते हैं. केंद्रीय नेतृत्व उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे सकता है. हो सकता है कि उन्हें राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में मौका ना मिले, परंतु संगठन में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने वाली है. यह लगभग तय हो चुका है.
सूत्रों ने बताया कि दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रदेश भाजपा नेताओं की एक सूची तैयार की है. इसके अनुसार दिलीप घोष को दोबारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर जोर दे रहा है. कोलकाता से लेकर दिल्ली तक के भाजपा नेताओं के संकेतों से अनुमान लगाया जा सकता है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में प्रदेश भाजपा के अगर दो नेताओं दिलीप घोष और सुकांत मजूमदार को जगह मिलती है तो वर्तमान केंद्रीय मंत्री जॉन बारला और बांकुरा के भाजपा सांसद और मंत्री सुभाष सरकार को मंत्री पद गंवाना पड़ सकता है.
प्रदेश भाजपा में चल रही चर्चाओं और कयासों के बीच सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक डॉ शंकर घोष ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. बहर हाल भाजपा के भीतर खाने चल रही चर्चाओं और कयासों का सच क्या है, जल्द ही सामने आ जाएगा!