अभी तक भारत समेत दुनिया के वैज्ञानिक भूकंप को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंच नहीं सके हैं. क्या कारण है कि विश्व अथवा देश के किसी एक भाग में भूकंप आता है तो उसका असर दूसरे इलाकों में भी देखा जाता है? जैसे नेपाल में आए भूकंप के बाद भारत में भी उसका असर देखा गया!
हालांकि इसके कई वैज्ञानिक कारण है, परंतु उन कारणों पर ज्यादा गौर ना करके इस बात का अध्ययन करना जरूरी हो गया है कि सीरिया, सूरत और सिक्किम (स नामकरण क्षेत्र) में आए भूकंप का कनेक्शन क्या है. क्योंकि तीनों ही क्षेत्र ‘स’ से शुरू होते हैं. क्या यह महज इत्तेफाक है अथवा इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण? क्या स वाले क्षेत्रों में आगे भी भूकंप आ सकते हैं? हालांकि वैज्ञानिक इसे महज इत्तेफाक ही मानते हैं. क्योंकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है. परंतु आम धारणा है कि भारत के ‘स’ नाम से शुरू होने वाले शहर अथवा इलाके भूकंप की चपेट में आ सकते हैं!
‘स’ से सिलीगुड़ी शहर भी है. तो क्या सिलीगुड़ी शहर में भी छोटा या बड़ा भूकंप आ सकता है? क्योंकि विश्व के किसी भी क्षेत्र में भूकंप आता है तो कम से कम 15 दिनों तक दूसरे भाग में भी खतरा बना रहता है. हालांकि सिलीगुड़ी को सावधान जरूर रहना चाहिए, क्योंकि भूकंप अथवा प्राकृतिक आपदा की कोई सटीक भविष्यवाणी नहीं होती!
विशेषज्ञ और जानकार मानते हैं कि सिलीगुड़ी शहर में छोटे बड़े भूकंप तो आते रहते हैं. परंतु यह जानलेवा साबित नहीं हुआ है.सीरिया अथवा सूरत या फिर सिक्किम के भूकंप का सिलीगुड़ी से कनेक्शन शायद नहीं हो सकता है! क्षेत्रीय वैज्ञानिकों को भी नहीं लगता कि सिलीगुड़ी वासियों को ज्यादा डरने की जरूरत है! यहां ‘स’ का कोई कनेक्शन नहीं है!
तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को विनाशकारी भूकंप आया था. वहां हालात खराब हो चुके हैं. अब तक दोनों देशों में 33 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है. जबकि लगभग 100000 लोग जख्मी हुए हैं.सीरिया में आए जानलेवा भूकंप के बाद सूरत में शनिवार को दोपहर 12:52 पर 3.8 तीव्रता का भूकंप आया था. सूरत जिले में आए भूकंप के 48 घंटे के भीतर ही भारत में सिक्किम और असम भी हिला.
सूरत में शनिवार को भूकंप आया जबकि रविवार को असम प्रदेश के नगांव में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था.यह अपराहन 4:18 पर आया था. जो कि 10 किलोमीटर की गहराई में आया था. असम के लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. असम में आए भूकंप के 1 दिन बाद यानी सोमवार की सुबह 4:15 पर सिक्किम में 4.3 तीव्रता के भूकंप से सिक्किम की धरती कांप गई. सिक्किम के लोगों ने भूकंप को महसूस किया.
वैज्ञानिकों के विश्लेषण के परे आम लोग यह मान रहे हैं कि मंगलवार को देश में कहीं और भूकंप आ सकता है जो ‘स’ नाम से शुरू होगा. यह सिलीगुड़ी भी हो सकता है! हालांकि यह कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है. विशेषज्ञ और जानकार भी इसे लोगों का भ्रम बता रहे हैं! अगर नगांव अथवा असम को अपवाद के रूप में लिया जाए तो सीरिया, सूरत और सिक्किम का स कनेक्शन दिख रहा है. यही चिंता वाली बात है और सिलीगुड़ी को डरा भी रहा है.
इसके साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि शनिवार से शुरू भूकंप के झटके आगे कब तक चलते रहेंगे? क्योंकि शनिवार, रविवार, सोमवार 3 दिन भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए हैं. क्या चौथा दिन यानी मंगलवार को भी भारत में भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं? क्या यह सिलीगुड़ी शहर हो सकता है? हालांकि इसका उत्तर किसी के पास भी नहीं है.