November 20, 2025
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

क्या MMIC दिलीप बर्मन को TMC से बाहर किया जाएगा?

सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 46 के MMIC तथा वार्ड पार्षद दिलीप बर्मन अपने राजनीतिक बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. एक बार फिर दिलीप बर्मन सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव तथा डिप्टी मेयर रंजन सरकार पर लगाए गए आरोपों के कारण सुर्खियों में हैं. सूत्रों ने दावा किया है सिलीगुड़ी नगर निगम और पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है और पूरे मामले को ऊपर तक पहुंचा दिया गया है.

दिलीप र्मन ने आरोप लगाया है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर दोनों मिलकर सिलीगुड़ी को गिरवी रख देना चाहते हैं. उन्होंने मेयर व डिप्टी मेयर पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है और उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की है. गौतम देव तथा दिलीप बर्मन के बीच लड़ाई कोई आज की बात नहीं है. जब 46 नंबर वार्ड में अतिक्रमण के खिलाफ निगम का बुलडोजर चल रहा था, तब दिलीप वर्मन ने सिलीगुड़ी नगर निगम की कार्रवाई को गलत बताया और बुलडोजर का मुखर होकर विरोध किया था. लेकिन इसके बावजूद निगम का बुलडोजर चला और कुछ अतिक्रमण को हटाया गया था.

दिलीप बर्मन की इस अनुशासनहीनता और कार्रवाई का सिलीगुड़ी नगर निगम ने संज्ञान लिया था और मामले को कोलकाता पार्टी हाई कमान को रेफर कर दिया था. ममता बनर्जी के निर्देश पर पार्टी की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया. तभी से दिलीप बर्मन सिलीगुड़ी नगर निगम बोर्ड की कार्यवाही से अलग थलग पड़ चुके थे. सिलीगुड़ी नगर निगम के स्तर पर भी मेयर गौतम देव ने ऐसे कई फैसले लिए, जिसके बाद दिलीप बर्मन हाशिये पर चले गए.

पिछले दिनों एक बार फिर उनके वार्ड में अतिक्रमण के खिलाफ निगम की कार्रवाई का विरोध कर तथा मेयर व डेप्युटी मेयर पर आरोप लगाकर दिलीप बर्मन सिलीगुड़ी नगर निगम के निशाने पर आ गए हैं. तृणमूल कांग्रेस के 36 पार्षदों ने दिलीप बर्मन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सभी तृणमूल पार्षदों ने संयुक्त रूप से कहा है कि दिलीप बर्मन द्वारा मेयर व डिप्टी मेयर पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. तृणमूल के पार्षदों ने निगम बोर्ड के कार्यों को पारदर्शी बताया और कहा कि दिलीप बर्मन का बयान विवादित एवं गैर जिम्मेदाराना है और पार्टी के हित के प्रतिकूल है.

सवाल है कि तो क्या दिलीप बर्मन को पार्टी से निकाला जाएगा हालांकि दिलीप बर्मन इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हो चुके हैं उन्हें लगता भी है कि पार्टी हाई कमान कुछ इस तरह का फैसला कर सकता है इसलिए उन्होंने अब इस मुद्दे को लेकर राजनीति शुरू कर दी है वह खुद को राजवंशी समुदाय का प्रतिनिधि बताते हैं जिनकी उत्तर बंगाल में एक बड़ी आबादी है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *