सिलीगुड़ी महकमा परिषद के अंतर्गत कई ऐसे इलाके हैं, जो सिलीगुड़ी शहर से सीधे जुड़े हैं और उन क्षेत्रों की सुरक्षा होने पर सिलीगुड़ी स्वतः सुरक्षित हो जाता है. आप देखते होंगे कि सिलीगुड़ी में चोरी और तस्करी की घटनाएं तब बढ़ जाती हैं, जब सिलीगुड़ी के आसपास छोटे शहरों और कस्बों में अपराध और चोरी की वारदातें बढ़ जाती है. ऐसे में सिलीगुड़ी शहर भला कैसे अछूता रह सकता है.
माटीगाड़ा इलाके में दिनदहाड़े चोरी की वारदातें होती रहती है. यहां हाट में व्यवसायियों की दुकानों में चोरी होती रहती है.अब तक यहां चोरी रोकने के कोई पुख्ता प्रबंध ना होने से चोर इसका लाभ उठाते रहे थे. इससे व्यवसायियों को भी काफी परेशानी होती थी तथा उनका व्यवसाय खत्म हो जाता था. परंतु अब समझा जा रहा है कि यह इलाका पहले से अधिक सुरक्षित होने जा रहा है. यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इससे यहां के दुकानदार और ग्राहक दोनों ही खुश हैं.
सिलीगुड़ी महकमा के अंतर्गत नक्सलवाड़ी आता है. इसके अलावा खोरीबारी, बागडोगरा, घोषपुकुर, नक्सलबाड़ी, फांसी देवा आदि इलाके आते हैं. इन सभी इलाकों में आपराधिक वारदातें आए दिन की बात हो गई है. अपराधी आसानी से अपराध को अंजाम देने के बाद फरार हो जाते हैं.क्योंकि इन इलाकों में अपराधियों तक पहुंचने के कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं है. इसका फायदा तस्कर और अपराधी उठाते रहे हैं. पर अब इन इलाकों में कम से कम 56 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इससे अपराधियों का आतंक कम होगा.
अपराधी वारदात को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचेंगे. यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने से उनके पकड़े जाने का भी डर बना रहेगा. पिछले दिनों नक्सलबाड़ी इलाके में सीसीटीवी कैमरे का दार्जिलिंग जिले के पुलिस अधीक्षक तथा महकमा परिषद के सभाधिपति ने उद्घाटन किया था. सूत्रों ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश तथा सिलीगुड़ी महकुमा परिषद के सभाधिपति अरुण घोष की रणनीति का यह एक हिस्सा है.
पिछले कई महीनों के अंदर सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में अपराधिक वारदातों में तेजी आई है. इसे रोकने तथा इसका स्थाई समाधान ढूंढने की कोशिश में सीसीटीवी कैमरे का विस्तार ही इसका विकल्प नजर आया है. नक्सलबाड़ी बाजार इलाके में अक्सर चोरी और तस्करी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. अब इन इलाकों में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं अथवा लगाए जाने हैं. इससे समझा जाता है कि अपराधिक वारदातों में कमी आएगी तथा अपराधियों में डर पैदा होगा.
सिलीगुड़ी महकुमा परिषद वर्तमान में सिलीगुड़ी के आसपास के संवेदनशील इलाकों तथा हाट बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. हाट बाजार सुरक्षित रहने से आपराधिक वारदातों में स्वतः कमी आ जाती है. महकमा परिषद वर्तमान में चोरी और तस्करी की वारदात को रोकने के लिए ₹8 लाख की लागत से संसाधनों का विकास कर रहा है. खासकर उन क्षेत्रों में जहां हाट लगते हैं और आबादी बहुल इलाका है. वहां सुरक्षा और निगरानी बढ़ेगी तो लोग भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे.
अगर कोई अपराधी इन इलाकों में अपराध करने की हिम्मत जुटा पाता है तो उसके पकड़े जाने के ज्यादा चांस रहेंगे. क्योंकि सीसीटीवी कैमरे से अपराधी तुरंत पकड़ में आ सकता है. अब देखना है कि सुरक्षा संसाधनों के विकास के बाद सिलीगुड़ी के नजदीक उपरोक्त इलाके कितने सुरक्षित रह पाते हैं.