सिलीगुड़ी के राकेश ने एक बैंक का कस्टमर केयर नंबर पता करने के लिए गूगल में उक्त बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया. जब नंबर मिल गया तो उसने उक्त नंबर पर अपने बैंक के ग्राहक सेवा प्रदाता व्यक्ति से बात करने के लिए फोन किया. दूसरी ओर से कहा गया कि एक और नंबर उनके मोबाइल के व्हाट्सएप नंबर पर फॉरवर्ड किया जा रहा है. उस पर बात करने से उनका काम हो जाएगा. राकेश ने उक्त व्यक्ति द्वारा उसके मोबाइल पर फॉरवर्ड किए गए फोन नंबर पर कॉल किया. और इसके बाद जो हुआ उससे राकेश के पांव के नीचे की धरती ही खिसक गई. राकेश के बैंक अकाउंट से ₹50000 कट गए.
सिलीगुड़ी के नजदीक रहने वाले प्रवेश ने पिकनिक पर जाने के लिए गूगल पर ट्रैवल कंपनी का नंबर सर्च किया.उक्त नंबर पर फोन करने पर दूसरी ओर से कहा गया है कि उन्हें पहले एडवांस के तौर पर कुछ रकम जमा करानी होगी. प्रवेश ने गूगल पे के माध्यम से कुछ रुपए जमा करा दिए. यहीं प्रवेश से भूल हो गई. प्रवेश अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर तो नहीं जा सके,अलबत्ता उनके अकाउंट से ₹22000 कट गए.
करिश्मा यादव को एक कार चेन्नई भेजना था. उनकी कार कोलकाता में थी. उन्होंने गूगल से सर्च करके एक ट्रांसपोर्ट कंपनी का नंबर हासिल कर लिया. उसके बाद उसने ट्रांसपोर्ट कंपनी में फोन किया. कंपनी ने उसकी कार बुक कर ली तथा एडवांस के तौर पर उक्त महिला से ₹800 ले लिए. इस घटना के 2 दिन बाद महिला के पास फिर से फोन आया और उससे ₹45000 मांगे जाने लगे. महिला ने देने से इनकार कर दिया. अब तक उसकी कार उन्हें वापस नहीं मिल सकी है.
इन दिनों ऐसी घटनाओं की भरमार हो गई है. आप सिलीगुड़ी में रहते हो अथवा देश के किसी भी कोने में. गूगल पर किसी कंपनी अथवा संस्था का हेल्पलाइन नंबर सर्च करते समय काफी सावधानी बरतें अन्यथा आपकी परेशानी बढ़ सकती है. एक बच्चे से लेकर बड़े तक आजकल गूगल पर काफी कुछ सर्च करते रहते हैं. ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं यहीं से उत्पन्न होती है. साइबर ठग इंटरनेट पर फर्जी नंबर देकर लोगों को ठग रहे हैं. अनेक व्यक्ति फर्जी नंबर पर फोन करके ठग के जाल में स्वयं घिर जाते हैं.
जैसे-जैसे तकनीकी का विकास हो रहा है, वैसे वैसे शातिर ठगों का शातिराना अंदाज भी हाईटेक होता जा रहा है. अब तक लोग सहायता के लिए गूगल का सहारा लेते हैं. अब गूगल सर्च से प्राप्त नंबर सही हो, इस बात की कोई गारंटी नहीं. सिलीगुड़ी समेत कोलकाता और दूसरे शहरों की घटनाएं कुछ इसी बात की ओर इशारा करती हैं कि गूगल से हेल्पलाइन नंबर सर्च करना खतरे से खाली नहीं है!
साइबर ठगी से बचने के लिए खुद को कैसे एक्टिव रख सकते हैं. यह जानना आपके लिए जरूरी है. कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं. उन्हें जरूर फॉलो करें. सर्वप्रथम किसी भी अनजान नंबर से आपके मोबाइल पर फोन आए और फोन करने वाला स्वयं को बैंक का कर्मचारी अथवा अधिकारी बताए तो समझ ले कि वह एक फर्जी व्यक्ति है. आप फोन पर ना तो अपने एटीएम अथवा डेबिट क्रेडिट कार्ड की कोई जानकारी दें. ना ही पिन, ओटीपी शेयर करें. बैंक ओटीपी, पिन नंबर की आपसे मांग नहीं करता.
मोबाइल पर अनेक ऐप्स उपलब्ध है. सभी ऐप्स डाउनलोड करना ठीक नहीं है. ऐसे ऐप्स एप्लीकेशन डाउनलोड करें जो आपके काम की हो. लेकिन वह आपसे निजी जानकारी की मांग ना करें. यह भी ध्यान में रखना है.अगर आप नौकरी की तलाश में है तो इंटरनेट पर दिखाए जाने वाले किसी भी विज्ञापन पर भरोसा ना करें अन्यथा आपके ठगे जाने की संभावना बढ जाएगी. ऑनलाइन पैसा कमाने जैसे विज्ञापन पर तो बिल्कुल ही भरोसा ना करें. आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजे जाने वाले अंजान लिंक को कभी भी क्लिक न करें. यह कुछ ऐसी सावधानियां हैं, जिनका पालन करके आप साइबर ठगों से काफी हद तक बचे रह सकते हैं