सिलीगुड़ी से होकर बहने वाली महानंदा नदी सिलीगुड़ी के लोगों का प्राण आधार तो है ही, इसके साथ ही महानंदा और दूसरी सहायक नदियां इन दिनों बदमाशों, दारूबाजों और मौज मस्ती करने वालों के लिए स्वर्ग बन गई हैं. इन नदियों के तट पर शाम होते ही बदमाशों और दारुबाजों का अड्डा जमने लगता है. खासकर महानंदा नदी के तट पर शाम होते ही आप यह नजारा देख सकते हैं.
चंपासारी, समर नगर से लेकर गुरूंग बस्ती, सूर्य सेन पार्क एरिया, लालमोहन निरंजन घाट, कुलीपाड़ा, संतोषी नगर, गंगानगर होते हुए नौका घाट, फुलवारी का नदी के तट पर स्थित निचला क्षेत्र शाम होते ही गहमागहमी में डूब जाता है. दिन भर के कार्यों की थकान और सुकून पाने के लिए अनेक लोग यहां खुली हवा में सांस लेने के लिए आते हैं. तो कई लोग ऐसे भी होते हैं जो यहां पीने और हुल्लड़बाजी करने के लिए आते हैं. यहां ऐसे अपराधी तत्व भी आते हैं जो अपने साथियों के साथ अपराध की प्लानिंग करते हैं.
कई नौजवान जोड़े भी यहां प्रेम प्रसंग बढ़ाने के लिए आते हैं. साथ में पीने पिलाने का भी इंतजाम रहता है. कई लोग गीत संगीत का भी आनंद उठाते हैं. तो कुछ लोग महानंदा की कलकल करती धारा का आनंद उठाते हैं. कुछ लोग यहां वीडियो शूट भी करते हैं. कहने का मतलब यह है कि यहां सभी तरह के लोग आते हैं. दूर के भी लोग होते हैं और नजदीक के भी लोग होते हैं. महानंदा का तट काफी विस्तृत है. गर्मियों में जब उमस से लोग परेशान हो जाते हैं तब महानंदा की ठंडी ठंडी हवा ही उन्हें सुकून देती है.
यह सब तो ठीक है. पर असल समस्या पीने पिलाने के क्रम में बदमाशों की हुल्लड़बाजी और मारपीट है. सूत्रों ने बताया कि महानंदा नदी के तट पर हुड़दंग मचाने वालों में ज्यादातर अपराधी तत्व के लोग होते हैं, जो खाते पीते और चोरी डकैती की योजना बनाते हैं. यहां ऐसे अपराधी भी आते हैं जो पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए सुरक्षित जगह तलाश करते हैं. यहां अपराधियों के बीच लेनदेन भी होता है और मारपीट भी होती है. लेकिन मामला आपस में बैठकर ही निपटा लिया जाता है और पुलिस को कानों कान इसकी भनक नहीं दी जाती.
इन दिनों संतोषी नगर, गंगानगर और नौकाघाट सिलीगुड़ी के बदमाशों और पियक्कड़ों का अड्डा बन गया है. इन स्थानों पर आए दिन बदमाशों के गुटों के बीच मारपीट होती रहती है. बदमाशों के बीच मारपीट में बचाने वाले और बीच बचाव करने वाले सबसे ज्यादा उनके निशाने पर होते हैं. इन इलाकों से पहले भी कई आपराधिक वारदातें सुर्खियों में आई है. सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते नौकाघाट, महानंदा नदी के तट पर दारू पीकर कुछ लोगों ने आपस में मारपीट कर दी और वहां बैठे लोगों पर हमला भी कर दिया. एक बदमाश ने दारू के नशे में पोराझाड़ के एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर दिया तथा उसे बुरी तरह घायल कर दिया. व्यक्ति का उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है.
ऐसे मामलों में पुलिस तभी कार्रवाई करती है, जब पुलिस के पास लिखित शिकायत आती है. ऐसा बहुत कम देखा गया है, जब बदमाशों के बीच गैंगवार की घटना की शिकायत पुलिस तक पहुंचाई जाती है. सामान्य लोग भी बदमाशों से डर कर यहां होने वाली आपराधिक घटनाओं की जानकारी पुलिस को नहीं देते. इससे कहीं ना कहीं बदमाशों का मनोबल बढा रहता है. सिलीगुड़ी अथवा आसपास के इलाकों में कोई भी कांड होता है तो पुलिस से फरार अपराधी यहां जरूर मिल जाएंगे. दुर्गा पूजा करीब है. शांति और सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन को इन इलाकों में गश्त बढाने की जरूरत है. स्थानीय लोग चाहते हैं कि इन इलाकों में स्थाई रूप से पुलिस निगरानी बढ़ाई जाए. खासकर नौकाघाट ब्रिज के पास और संतोषी नगर, गंगानगर के निचले इलाकों में.
अगर पुलिस प्रशासन ने देर की अथवा इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आज यहां छोटी-छोटी घटनाएं घट रही हैं, तो कल बड़ी घटना भी हो सकती है. सर्वप्रथम पुलिस प्रशासन को महानंदा नदी के क्षेत्र में पीने पिलाने पर रोक लगानी चाहिए. ऐसे लोगों पर सख्ती बरतनी चाहिए जो अनावश्यक रूप से दारू पीकर हुड़दंग मचाते है. और यहां शांति और सुकून की तलाश में आए लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. संतोषी नगर, गंगानगर और नौकाघाट के स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस प्रशासन को देर नहीं करनी चाहिए और इन क्षेत्रों से असामाजिक गतिविधियों को बंद कर असामाजिक तत्वों पर निगरानी बढ़ानी चाहिए. ताकि इलाके के सामान्य जन सुरक्षित महसूस कर सकें.