बहुत पहले से ही यह चर्चा शुरू हो चुकी है कि चीन डोकलाम पर अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है और अब वह कुछ आगे ही बढ़ गया है. चीन जामफेरी रिज तक पहुंचना चाहता है, ताकि वहां से वह सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर नजर रख सके. दूसरी तरफ भारतीय सेना चीन के छकके छुड़ाने के लिए तैयार है. सुकना स्थित सेना का 33 कोर यानी त्रिशक्ति कोर ने एक लाइव फायरिंग का अभ्यास किया है. यह अभ्यास रोंगटे खड़े कर देने वाला है.
यह त्रिशक्ति कोर चीन की हेकड़ी को पस्त करेगा और चीन को दिखा देगा कि भारतीय सेना 1962 की सेना नहीं है. इस बार भारतीय सेना का लक्ष्य चीन और उसकी सेना को धूल चटाना है. कुछ ऐसी ही तैयारी का नमूना भारतीय सेना के द्वारा पेश किया गया है. त्रिशक्ति कोर उत्तर बंगाल और सिक्किम पर पूरी नजर रखता है. सिक्किम के ऊंचाई वाले इलाकों में जंग लड़ने और जीतने के मकसद से त्रिशक्ति कोर के जवान अभ्यास और तैयारी में जुट गए हैं.
लाइव फायरिंग के अभ्यास की जो तस्वीर सामने आ रही है, वह काफी रोंगटे खड़े कर देने वाली है. एक के बाद एक त्रिशक्ति कोर के जवानों के द्वारा पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लांचर LAC की तरफ फायर हो रहे थे. त्रि शक्ति कोर के जवान रैपिड डेप्लॉयमेंट, बैटल रेडीनेस और सटीक मार करने के लक्ष्य का अभ्यास कर रहे हैं. 2020 के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. LAC के करीब ही रॉकेट लांचर तैयार किए जा चुके हैं.
चीन की हरकतें समय-समय पर सैटेलाइट तस्वीरों से उजागर हो जाती है. पिछले 8 साल में चीन ने 22 गांव डोकलाम के पास तैयार कर लिए हैं. भारतीय सेना ने चीन की हर गतिविधियों का हिसाब रखा है. भारतीय सेना के लिए सिलीगुड़ी गलियारा काफी महत्वपूर्ण है. यह गलियारा 60 किलोमीटर लंबा और 21 किलोमीटर चौड़ा है. न केवल सामरिक रूप से बल्कि पूर्वोत्तर को बचाने का भी यही एक तरीका है कि सिलीगुड़ी गलियारा काफी सुरक्षित रहे.
यह स्पष्ट हो चुका है कि चीन ने डोकलाम के पास अपनी गतिविधियां बढ़ा दी है. भारतीय सेना भी उसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है. सेना प्रमुख भी यह कह चुके हैं कि चिकन नेक के पास भारतीय सेना का जमावड़ा तीन तरफ से है. ऐसे में चीन भारत का कुछ भी उखाड़ नहीं पाएगा. सिलीगुड़ी गलियारे पर कुदृष्टि रखने की बात कौन कहे, अगर उसकी हरकत बढ़ती रही तो इस बार चीन को उसकी नानी याद आ जाएगी.
भारतीय सेना ने बंगाल, सिक्किम और उत्तर पूर्व में अपनी तैयारी और अभ्यास इतना सशक्त बनाया है कि चीन के होश उड़ जाएंगे. इसके अलावा भारतीय सेना का तकनीकी पक्ष भी काफी मजबूत है. चीन अगर परिंदा भी छोड़ता है तो उसकी जानकारी भारतीय सेना को हो जाएगी. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता, तो इस बार वह डोकलाम को लेकर भारत की ओर से भारी चोट खाएगा.