August 16, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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चुनौतियों से जूझती सेवक रंगपो रेल समेत विभिन्न निर्माण एजेंसियों के साथ राजू बिष्ट की बैठक!

आज दार्जिलिंग के भाजपा सांसद और अखिल भारतीय भाजपा के प्रवक्ता राजू बिष्ट ने पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं जैसे NHIDCL,NHPC, इरकॉन इत्यादि के अधिकारियों के साथ बैठक की और पहाड़ी इलाकों में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की. राजू बिष्ट ने तीस्ता, NH-10, NHPC डैम समेत सेवक रंगपो रेल प्रोजेक्ट पर अधिकारियों से प्रगति के बारे में आवश्यक जानकारी हासिल की तथा उनसे संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की है.

NHIDCL समेत विभिन्न निर्माण एजेंसियों की बैठक में इतना तो तय हो गया कि पहाड़ में चल रहे निर्माण कार्य विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहे हैं. बरसात के दिनों में NH10 का बार-बार बंद होना, भूस्खलन, तीस्ता नदी में अकूत जल प्रवाह, बाढ़ आदि के कारणों से निर्माण कार्य में बाधा आ रही है. सेतीझोरा में बार-बार होने वाले भूस्खलन के चलते यहां पहाड़ को काटना खतरे से खाली नहीं है. एनएचआईडीसीएल वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश कर रही है और कार्य में गति लाने के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी और काउंटर का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है.

एनएचआईडीसीएल के अधिकारी ने बताया कि सबसे बड़ी बाधा 27 माइल और 29 माइल के बीच आ रही है, जहां एक नई भौगोलिक खतरा उत्पन्न हुआ है. यहां की भूमि में अस्थिरता पाई गई है.आपको बता दे कि एन एचआईडीसीएल को इस क्षेत्र में पीएमसी के रूप में नियुक्त किया गया है. जो NH10 को कार्य गति में लाने और व्यवस्थित तथा संतुलित रखने के लिए दीर्घ सूत्री योजना पर काम कर रही है. सेवक मेली हाईवे के तहत ही यह डीपीआर तैयार किया गया है.

इसी तरह से एनएचपीसी भी विभिन्न मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रही है. बार-बार प्रयास के बावजूद तीस्ता में बाढ की समस्या खत्म नहीं हो रही है. यहां नदी के डैम के प्रोटेक्शन समेत कई तात्कालिक आवश्यकताएं हैं. इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करना भी जरूरी है और उनका सहयोग चाहिए. एनएचपीसी के अधिकारियों ने राजू बिष्ट को बताया कि वे हाउसिंग सपोर्ट की तलाश कर रहे हैं. उन्हें राज्य से भूमि का अधिग्रहण भी चाहिए ताकि प्रोजेक्ट की चुनौतियों और बाधाओं को दूर करते हुए कार्य को तीव्र गति से आगे बढ़ा सके.

NH-10 को लेकर सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. घाटी इलाकों में भूस्खलन की समस्या इसे जटिल बना रही है. इसके चलते एजेंसियों के बीच कोऑर्डिनेशन भी नहीं हो पा रहा है. अधिकारियों ने राजू बिष्ट को कार्य निर्माण के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों की बात रखी और उम्मीद व्यक्त की कि इस संदर्भ में निर्माण एजेंसियों को सरकारी मदद समय पर मिलेगी. राजू बिष्ट ने एन एचआईडीसीएल, इरकॉन, एनएचपीसी, ब्रो, पश्चिम बंगाल पी डब्ल्यू डी,ब्रह्मपुत्र बोर्ड इत्यादि विभिन्न एजेंसियों से चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति के लिए तीस्ता क्षेत्र में एक होलिसटिक प्लान की अपील की है.

राजू बिष्ट ने क्षेत्र के लोगों को आश्वस्त किया है कि कार्य को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि NH-10 पहाड़ की जीवन रेखा है. इसलिए इसको दीर्घ स्थाई बनाने के लिए सरकार और एजेंसियों के साथ-साथ आम जनता का भी सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा कि उनसे जितना संभव होगा, वह इस क्षेत्र में चल रहे प्रोजेक्ट को समय पर तथा व्यवस्थित रूप से संपन्न करने के लिए मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि वे लगातार केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के संपर्क में हैं.

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