इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली हैं. बुधवार की सुबह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. इस बीच आज वित्त मंत्री ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया और इसमें कहा गया कि भारत दुनिया का सबसे तेज गति से आर्थिक विकास करने वाला देश बन गया है और इसकी दर 6.5% आंकी गई है.
आज के आर्थिक सर्वेक्षण तथा कल पेश किए जाने वाले बजट का स्वरूप क्या होगा, इसको लेकर उत्सुकता व्याप्त है. कल पेश किए जाने वाले आम बजट में वित्त मंत्री के पिटारे से क्या क्या निकलने वाला है,इसको लेकर सिलीगुड़ी और पूरे प्रदेश में उत्सुकता व संशय व्याप्त है. अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं.सिलीगुड़ी में बाजार, संस्थान और प्रतिष्ठानों में आम बजट को लेकर ही चर्चा हो रही है. व्यापारियों को आम बजट से काफी काफी उम्मीदें रहती हैं. ऐसे में सिलीगुड़ी के व्यापारी भी बजट पर नजर जमाए हुए हैं!
बजट को लेकर देश के जाने-माने अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं कि आम बजट मध्यमवर्ग और नौकरी पेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर कुछ राहत दे सकता है.वार्षिक सालाना आय पर लगाए जाने वाले टैक्स में राहत की उम्मीद की जा रही है. विशेषज्ञ मानते हैं कि पीएलआई योजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों का दायरा बढ़ाया जा सकता है. देश के जाने-माने अर्थशास्त्री सुदीप्तो मंडल का मानना है कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आर्थिक चुनौतियां बढी हैं.
आर्थिक वृद्धि दर का धीमा होना, मुद्रास्फीति और चालू खाते के घाटे में वृद्धि के साथ रोजगार का पर्याप्त संख्या में नहीं बढ़ना, यह सभी वे तथ्य हैं जिनसे आम बजट प्रभावित होगा. आज भी भारतीय रिजर्व बैंक के प्रयास के बावजूद महंगाई खासकर मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है. 2022 23 की पहली तीन तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार धीमी हुई है. सुदीप्तो मंडल के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर केवल 5.2% रह सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए अपना प्रयास जारी रख सकता है.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 36.4 अरब डालर तक पहुंच गया है जो जीडीपी का 4.4% है. रियलिटी क्षेत्र अभी लंबी अवधि के बाद पटरी पर आना शुरू हुआ है. यह रोजगार बढ़ाने वाला क्षेत्र है. ऐसे में अगर आवास ऋण को लेकर ब्याज भुगतान पर छूट की सीमा बढ़ाई जाती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. पीएलआई योजना से कुछ क्षेत्रों में उत्पादन को बढ़ावा मिला है. लेकिन इसका लाभ मुख्य रूप से संगठित क्षेत्र के बड़े उद्यमियों को हुआ है.
पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार लगातार टूट रहा है. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. कल पेश होने वाले आम बजट और अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर शेयर बाजार की दिशा निर्धारित होगी. कल ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक हो रही है. कल पेश होने वाले आम बजट में जिन संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है, उनमें सरल आयकर रिटर्न भी शामिल है.
भारत में पूंजी बाजार तेजी से बढ़ रहा है. कंपनियां धन जुटाने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम का रास्ता अपना रही हैं. ऐसे में इस बात की पर्याप्त संभावना है कि पूंजीगत लाभ कर संरचना को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार कदम उठा सके. इसकी मांग भी की जा रही है.
बहरहाल आम बजट पेश होने में अब कुछ ही घंटे शेष रह गए हैं. ऐसे में व्यापारियों और नौकरी पेशा लोगों के दिल की धड़कन भी बढ़ती जा रही है. कल दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगा कि आम बजट भारत को किस दिशा में ले जाएगा.