सिलीगुड़ी और पूरे भारत के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है. क्योंकि भीषण गर्मी और तापमान में झुलस रहे लोगों के जख्मों को बारिश की फुहारें भरने जा रही है. इस साल सिलीगुड़ी के लोगों को तेज बरसात का सामना नहीं करना पड़ सकता है. कम से कम जून महीने में मानसून तो आएगा,लेकिन बरसेगा बहुत कम!
सिलीगुड़ी से लेकर भारत का पूरा मैदानी भाग भीषण गर्मी और तपिश से झुलस रहा है.ऐसे में लोग कयास लगा रहे हैं कि इस साल मानसून भी उतना ही तेज बरसेगा. ऐसे कयासों को झटका देते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून को लेकर एक भविष्यवाणी की है. इसमें बताया गया है कि इस साल सामान्य बरसात होगी. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह एक अच्छा संकेत है.
भारत में 4 जून को केरल में मानसून पहुंच रहा है. जून महीने से लेकर सितंबर तक मानसून का मौसम रहता है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान व्यक्त किया है कि इस साल औसत के 96% तक बरसात होने की संभावना है.मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल नीनो प्रभाव के बावजूद इस साल मानसून सामान्य रहेगा. मालूम रहे कि यह लगातार पांचवा साल है जब भारत में मानसून सामान्य रहेगा.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान व्यक्त किया है कि जून महीने में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के एनवायरमेंट मॉनिटरिंग एंड रिसर्च सेंटर के मुख्य शिवानंद पई ने कहा है कि जून महीने में देश के अधिकतर स्थानों पर सामान्य से कम बारिश होगी. सिर्फ दक्षिण पेनिनसुला, उत्तर पश्चिम भारत, उत्तर पश्चिम और उत्तर भारत के कुछ इलाकों में सामान्य बारिश रह सकती है.
इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि आगामी दक्षिण पश्चिम मानसून सीजन में बारिश औसत से भी कम होगी. इसके साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के असमान वितरण की भी बात कही गई थी. लेकिन अब मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि मानसून सामान्य रहेगा और अलनीनो का इस पर कोई खास प्रभाव नहीं होगा.
आईएमडी के मुताबिक इस साल मानसूनी बारिश 4% की मॉडल एरर के साथ एलपीए का 96% रह सकती है.पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर पश्चिम तथा मध्य भारत में अगले कुछ दिनों तक बारिश रह सकती है!