सिलीगुड़ी में आए दिन ट्रैफिक पुलिस और वाहन चालकों के बीच चालान भरने को लेकर वाद विवाद होता रहता है. कभी-कभी काफी गरमागरमी भी देखी जाती है. यह भी देखा जाता है कि ट्रैफिक पुलिस वाहन चालक को और भी कई तरह से परेशान करने लगती है. ट्रैफिक नियमों और कानून का हवाला देकर जबरदस्ती जुर्माना भरवाना, जुर्माने की राशि न देने पर ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करना इत्यादि घटनाएं आम बात हो गई हैं. अगर आप वाहन चालक हैं तो इस स्थिति से इनकार नहीं कर सकते हैं.
वाहन चालकों को कभी ना कभी ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढना ही पड़ता है. अगर आप एक वाहन चालक हैं, दोपहिया या चार पहिए चलाते हैं तो कभी ना कभी ट्रैफिक पुलिस के चालान का सामना किया ही होगा. ट्रैफिक नियमों का पालन न करने पर ट्रैफिक पुलिस आपसे चालान भरवा सकती है या फिर आपका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर सकती है. कई बार ट्रैफिक पुलिस के द्वारा दोपहिया वाहन चालकों की बाइक अथवा स्कूटर की चाबी ले ली जाती है.
उनका एक ही मकसद रहता है कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करें तो साथ-साथ फाइन भी भरते जाएं. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो उनके द्वारा जोर जबरदस्ती की जा सकती है. अब तक तो कुछ ऐसा ही देखा जा रहा था. लेकिन अब कोलकाता हाई कोर्ट ने राज्य ट्रैफिक विभाग को जो फरमान सुनाया है, उसके अनुसार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिस नियमों के अनुसार कार्रवाई तो करेगी, लेकिन वह आपके साथ जोर जबरदस्ती नहीं कर सकती है.
कोलकाता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चट्टोपाध्याय की पीठ ने ट्रैफिक विभाग को आदेश दिया है कि ट्रैफिक पुलिस किसी भी वाहन चालक को जबरदस्ती जुर्माना भरने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है. आमतौर पर ट्रैफिक पुलिस के द्वारा चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया जाता है. न्यायालय ने कहा है कि ट्रैफिक पुलिस किसी का भी लाइसेंस जब्त नहीं कर सकती है. अगर वह ऐसा करती है तो उसे लिखित कारण बताना होगा और एक रसीद भी देनी होगी.
हाई कोर्ट का यह फैसला कोलकाता के एक वकील के द्वारा दायर याचिका को लेकर है, जहां वकील ने आरोप लगाया था कि एक ट्रैफिक पुलिस ने बिना वजह उनका लाइसेंस जब्त कर लिया और उनसे जुर्माना भी वसूला. उसी मामले में हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है और ट्रैफिक पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. इसके साथ ही यह निर्देश दिया है कि भविष्य में ट्रैफिक पुलिस कानून के अनुसार काम करें. ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करना केवल ड्राइविंग लाइसेंस प्राधिकरण का काम है, ना कि ट्रैफिक पुलिस का!
कोलकाता हाई कोर्ट के दिशा निर्देश अनुसार अगर आपने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है तो ट्रैफिक पुलिस आपके साथ सज्जनता से पेश आते हुए आपसे जुर्माना वसूल सकती है. लेकिन इसके लिए वह आप पर दबाव नहीं डाल सकती है. पुलिस को हर हाल में चालक के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा. ट्रैफिक पुलिस आपके ड्राइविंग लाइसेंस को ना तो निलंबित कर सकती है और ना ही रद्द. यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
कोलकाता हाई कोर्ट ने राज्य के गृह विभाग और डीजीपी को निर्देश दिया है कि राज्य ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए उचित कानूनी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए. ताकि वह मोटर वाहन अधिनियम 1988 का सही तरीका से पालन कर सके और चालकों के साथ पेशेवर व्यवहार कर सकें. अब देखना होगा कि कोलकाता हाई कोर्ट के इस दिशा निर्देश का सिलीगुड़ी ट्रैफिक और सिलीगुड़ी पुलिस कितना पालन करती है और भविष्य में वाहन चालक और ट्रैफिक पुलिस के संबंधों में कितना सुधार आता है!