कल बांग्ला नववर्ष है. उससे पहले ही आज नौकाघाट और आसपास में डीवाईएफआई के उत्तर कन्या अभियान में भारी हंगामा, लाठीचार्ज, अश्रु गैस और पत्थरबाजी के नजारे देखकर लोग दहल गए.
डीवाईएफआई का यह कार्यक्रम केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ पूर्व नियोजित था. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर डीवाईएफआई पिछले कई दिनों से बैठक और रैलियों के माध्यम से उत्तर कन्या अभियान की तैयारी कर रही थी. आज डीवाईएफआई के सैकड़ों कार्यकर्ता ज्ञापन देने के लिए उत्तरकन्या जा रहे थे.लेकिन बीच में ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया और अनेक कार्यकर्ताओं को जबरन उठाकर थाने ले गई. आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अश्रु गैस के प्रयोग किए.
इस हंगामे की पटकथा सोमवार को ही लिख दी गई थी, जब सिलीगुड़ी के अनिल विश्वास भवन में डीवाईएफआई की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला था. उसी समय लग रहा था कि डीवाईएफआई का उत्तर कन्या अभियान कोई मामूली अभियान नहीं होगा!
इस अभियान को रोकने के लिए पुलिस बल भी तैयार था. भारी संख्या में पुलिस और आर ए एफ को सड़कों पर उतारा गया था. जैसे ही भीड़ नौकाघाट से उत्तर कन्या की ओर बढ़ने लगी, पुलिस ने भीड़ को आगे बढ़ने से रोक दिया. कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और पुलिस से सवाल जवाब करने लगे. कार्यकर्ताओं का नेतृत्व कर रही मीनाक्षी मुखर्जी ने पुलिस से सवाल किया कि उन्हें आखिर क्यों रोका जा रहा है. जब वे लोकतांत्रिक ढंग से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं तो उन्हें आगे बढ़ने से क्यों रोका जा रहा है. लेकिन पुलिस ने उनकी कोई नहीं सुनी और उन्हें समेत कई कार्यकर्ताओं को जबरन घसीट कर उठा ले जाने लगी.
इसी बीच हंगामा बढ़ते देख कर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया. इसके साथ ही अश्रु गैस के गोले भी दागे गए. तब तक माकपा के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने पुलिस की अलोकतांत्रिक कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि क्या शांतिपूर्ण तरीके से विक्षोभ प्रदर्शन का अधिकार नहीं है. अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल सरकार उनके कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों से उनसे डर गई है.
मीनाक्षी मुखर्जी ने अपने बयान में पुलिस की भूमिका को निर्लज्ज बताते हुए कहा कि पुलिस उनके कार्यकर्ताओं से डर गई है. इसलिए उनके लोगों पर लाठीचार्ज किया गया. कई लोगों का इसमें माथा फटा है, जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने कहा कि पुलिस कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना काम तो करेगी ही.
आपको बताते चलें कि डीवाईएफआई महंगाई, भ्रष्टाचार, श्रमिकों तथा महिलाओं के अधिकार तथा अन्य मुद्दों को लेकर राज्य भर में आंदोलन कर रही है. दक्षिण दिनाजपुर जिले में आदिवासी महिलाओं की पिटाई पर डीवाईएफआई का पहले से ही आंदोलन चल रहा है. आज के उत्तर कन्या अभियान में डीवाईएफआई की ओर से दावा किया गया है कि इस अभियान में पहाड़ और समतल से हजारों कार्यकर्ता और समर्थक भाग लेने सिलीगुड़ी आए थे. हालांकि गौतम देव ने डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं की संख्या पर ही उंगली उठा दी.