चार-पांच फरवरी की लगभग आधी रात का समय था, जब कुछ बांग्लादेशी आक्रमणकारी दक्षिण दिनाजपुर में सीमा पर स्थित गांव मलिकपुर में तस्करी और डकैती करने के इरादे से घुस आए. इसी बीच बीएसएफ के जवानों को बांग्लादेशी लुटेरों के घुसने की जानकारी हुई तो उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश करते हुए मोर्चा संभाल लिया. तभी बांग्लादेशी लुटेरों ने अपने साथ लाई तलवार और कटार से उन पर हमला करना शुरू कर दिया.
दूसरी तरफ बीएसएफ के जवानों ने भी अपने बचाव में हथियार निकाल लिए और उनके हमले का जवाब देना शुरू कर दिया. बीएसएफ की फायरिंग में एक बंगलादेशी घुसपैठिया घायल हो गया. जिसे बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया. बांग्लादेशी लुटेरों के हमले में बीएसएफ का एक जवान भी घायल हुआ है. घायल बांग्लादेशी घुसपैठिए को गंगारामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. बंगाल पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठिए का बयान लेना चाहती है. इन दिनों बांग्लादेशी घुसपैठियों की गतिविधियों में वृद्धि हुई है. वह लगातार सीमा पार करके पश्चिम बंगाल में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमाएं आपस में मिलती है. सीमा पर कई ऐसे गांव हैं, जो बांग्लादेश में है और भारत में भी है. कई ऐसी लोग हैं जो खेती तो बांग्लादेश में करते हैं, लेकिन रहते भारत में है. बांग्लादेशी घुसपैठिए इस स्थिति का लाभ उठाते हैं और भारत में घुसपैठ कर जाते हैं.
बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह देने का एक तंत्र सक्रिय हो गया है, जो उनके लिए पासपोर्ट से लेकर नौकरी तक का जुगाड़ लगा लेता है. इसके बदले में बांग्लादेशी लोगों से ऐसे रैकेट को अच्छी खासी रकम प्राप्त हो जाती है. कुछ दिनों पहले बंगाल पुलिस ने ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ भी किया था और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. आरंभ में तो बांग्लादेशी घुसपैठिए बड़ी आसानी से सीमा पार कर जाते थे. लेकिन इन दिनों बीएसएफ की चुस्ती और उनकी गतिविधियों में तेजी आने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों के मनोबल कमजोर हुए हैं. ऐसे में वे पहले से अधिक आक्रामक और हमलावर हो गए हैं. यह घटना इसी ओर इशारा करती है.
अब देखना है कि इस घटना के बाद भारत सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए क्या पुख्ता प्रबंध करती है?