बहुत जल्दी सिलीगुड़ी वासियों को विषम स्थितियों में बिजली कट की समस्या से निजात मिलने जा रही है. वर्तमान में तूफान आने अथवा मूसलाधार बारिश होने पर बिजली विभाग के द्वारा इसलिए लाइन काटी जाती है, क्योंकि तूफान या मूसलाधार बारिश में तार टूटने का खतरा अधिक रहता है. इसलिए कभी-कभी लोग घंटों अंधेरे में रहने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
जरा कल्पना करिए कि अगर रात का समय हो, घर में बिजली न रहे तो कितनी परेशानी होती है. क्योंकि वर्तमान में बिजली विभाग के द्वारा लाइन तभी दिया जाता है, जब तूफान खत्म हो चुका होता है. जब तक तूफान या अन्य कोई प्राकृतिक आपदा रहती है, तब तक बिजली कट रहती है. वर्तमान में बिजली मनुष्य की संगिनी बन गई है.मनुष्य बिजली के बगैर नहीं रह सकता है. ऐसे में जब बिजली विभाग के द्वारा लाइन काट दी जाती है, तो बड़ा अजीब लगता है. बेचैनी होने लगती है. बिन बिजली के समय काटना मुश्किल हो जाता है.
जिस तरह से सिलीगुड़ी शहर के सभी भागों में अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य चल रहा है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस साल तक सिलीगुड़ी शहर की बिजली व्यवस्था इतनी मजबूत हो जाएगी कि लोगों को 24 घंटे बिजली मिलती रहेगी. चाहे गर्मी हो या सर्दी, तूफान, प्राकृतिक आपदाएं कम से कम शहर के लोगों को बिजली कट की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्योंकि अंडरग्राउंड केबल रहने से तूफान या बारिश का उस पर कोई असर नहीं होगा.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव भी यही बात करते हैं. इन दिनों गौतम देव शहर में घूम-घूम कर अंडरग्राउंड केबलिंग के कार्य का मुआयना कर रहे हैं. कार्य में प्रगति भी है. उन्हें लगता है कि जल्दी ही सिलीगुड़ी के सभी वार्डों में अंडरग्राउंड केबलिंग का कार्य पूरा हो जाएगा. इससे न केवल 24 घंटे शहर रौशन रहेगा. बल्कि शहर में जहाँ-तहाँ लगे तारों और पोलों के जंजाल से भी छुटकारा मिलेगा.
इसमें कोई शक नहीं है कि अंडरग्राउंड केबलिंग के जरिए न केवल सिलीगुड़ी शहर को 24 घंटे रौशन रखा जा सकेगा, बल्कि इससे शहर में स्थित अवांछित बिजली के खंभों और खंभों से लटकते झूलते तारों से भी छुटकारा मिलेगा. पहले से कहीं अधिक खूबसूरत दिखेगा सिलीगुड़ी शहर. क्योंकि इस तरह की व्यवस्था देश में जहां-जहां भी है, वहां शहर की सुंदरता देखती बनती है.
अंडरग्राउंड केबलिंग के और भी लाभ हैं. अगर तकनीकी लाभ की बात करें तो यह प्रणाली मौसम की मार से अप्रभावित रहेगी. इससे बिजली आपूर्ति व्यवस्था में स्थिरता आएगी. यह पर्यावरण के अनुकूल भी होगा. शहर में खुले तारों और खभों की आवश्यकता कम होने से शहर में आए दिन बिजली के खंभों पर आग लगने की घटनाओं में भी काफी कमी आएगी. इसके अलावा शहर में हरियाली बढ़ेगी. बिजली के खंभे कम होने से खुले स्थान भी अधिक होंगे. कुल मिलाकर बिजली व्यवस्था में सुधार लाते हुए सिलीगुड़ी का सौंदर्य खिल उठेगा.