चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय दल का तमगा छिन जाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के लिए यह एक चुनौती है कि किस प्रकार से पार्टी को फिर से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाया जा सके. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं.
इस समय बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की कई योजनाएं चल रही हैं. इनमें द्वारे सरकार, दीदी के सुरक्षा दूत कार्यक्रम इत्यादि. ऐसे कार्यक्रम हैं जो सीधे जनता से जुड़े हैं. उपरोक्त कार्यक्रमों के अलावा आज दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस की नई कमेटी घोषित कर दी गई है. इस कमेटी में कई ऐसे चेहरे लाए गए हैं जो पार्टी को सांगठनिक रूप से मजबूत करने की कोशिश करेंगे तो दूसरी ओर कुछ पुराने चेहरे भी हैं जिन पर पार्टी भरोसा ज्यादा करती है.
दार्जिलिंग जिला में पार्टी को सांगठनिक रूप से मजबूत करने के लिए दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट पापिया घोष ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नए पदाधिकारियों की एक सूची भेजी है, ताकि वे उस पर अंतिम मुहर लगा सकें. इस लिस्ट में जिन चेहरों को जगह मिली है, उनमें डब्ल्यूबीटीपीटीए के जिला प्रेसिडेंट के रूप में विभाष चक्रवर्ती, कानूनी सेल के जिला प्रेसिडेंट चिन्मय चक्रवर्ती जबकि गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के प्रेसिडेंट के रूप में आशीष प्रामाणिक के नाम शामिल हैं. पापिया घोष ने सिलीगुड़ी नगर निगम के 4 नंबर बोरो के चेयर पर्सन श्रीमती प्रीतिकना विश्वास को जिला कमिटी के सेक्रेटरी के रूप में अंतिम मुहर लगाने का अभिषेक बनर्जी से अनुरोध किया है.
दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस समतल कमेटी के प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, महासचिव, सचिव और सदस्यों की सूची इस प्रकार से है: चेयरमैन आलोक चक्रवर्ती, प्रेसिडेंट पापिया घोष, प्रवक्ता वेदव्रत दत्ता और वाइस प्रेसिडेंट के रूप में क्रमशः राजेन सुंदास, अरूप रतन घोष, ममता नंदी घोष, छोटन किस्कू,सौमित्र कुंडू, कल्याण राहा, पूर्ण चक्रवर्ती, मोहम्मद अताउर रहमान, प्रदीप कुमार गोयल, उत्पल घोष, प्रदीप चौधरी, जयदीप नंदी ,संजय पाठक, कमल अग्रवाल ,प्रदयूत सेन, जयंत साहा, डॉक्टर बिस्वजीत घोष, मोहम्मद आईमुल हक व संग्राम सिंह मित्रा के नाम शामिल हैं.
इस लिस्ट में महासचिव के रूप में कई चेहरों को उतारा गया है. इनके नाम इस प्रकार हैं: रंजन सील शर्मा, निखिल साहनी, आनंद घोष, दीपक शील, प्रदीप दे ,असीम अधिकारी ,मिलन दत्ता, रथीन, परिमल मित्रा, प्रवीर राय, जयंत कर और प्रदीप भट्टाचार्य. इनमें से कुछ नए चेहरे और कुछ पुराने चेहरे हैं. जबकि सचिव के रूप में क्रमशः पृथ्वीराज गोयल, प्रसनजीत राय, देवप्रिया सेनगुप्ता, अमरपाल बबलू, तापस चटर्जी, दिलीप चौधरी, हिरणमय राय, अभय बोस, संतोष साहा, एडवोकेट अत्रिदेव शर्मा, सुब्रो बनर्जी, अनूप सरकार, विश्वमय घोष, मलय घोष, सुब्रत कर ,अनिंदिता गुहा पाल, बी. दत्ता, सुष्मिता बोस मोइत्रा और धीमन बोस के नाम शामिल किए गए हैं.
दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट पापिया घोष ने सदस्यों के रूप में इनके नाम अनुमोदन के लिए भेजें हैं. यह नाम इस प्रकार हैं: विमान बाल ,अशित वरणदास, अशोक भगत, मनोज वर्मा, दिलीप भौमिक, आशीष मित्रा, पीयूष सिंघा, विमलेश मौलिक, पंकज दत्ता, दीनदयाल सिंगा, नारायण घोष, एच भूटिया, सुखविंदर सिंह बजरिया और प्रीति माला एका. स्पेशल इनवाइटिज में जिला टीएम वाईसी के प्रेसिडेंट के रूप में निर्णय राय, डिस्टिक महिला टीएमसी के प्रेसिडेंट के रूप में मिली सिन्हा, डिस्ट्रिक्ट इंटक प्रेसिडेंट के रूप में निर्जल दे, डिस्ट्रिक्ट टीएमसीपी प्रेसिडेंट के रूप में तनय तालुकदार, डिस्ट्रिक्ट अल्पसंख्यक सेल के प्रेसिडेंट के रूप में मोहम्मद मकबूल इस्लाम, डिस्ट्रिक्ट हिंदी प्रकोष्ठ के प्रेसिडेंट के रूप में राजेश प्रसाद मुन्ना, उद्बास्तु और नमसूत्र सेल के प्रेसिडेंट के रूप में शिव हाजरा, लोक प्रसार शिल्पी के प्रेसिडेंट के रूप में संजय महाराज तथा अन्य के नाम शामिल हैं. इनमें दिलीप राय, एडवोकेट पिजुष कांति घोष, एडवोकेट अरिंदम मित्रा, कमल गोयल और एडवोकेट अरुण सरकार के नाम शामिल किए गए हैं.
पापिया घोष ने स्थाई इनवाइटिज में अनुभवी चेहरों को स्थान दिया है.स्थाई इनवाइटिज सदस्य के रूप में सिलीगुड़ी नगर निगम के सभी बड़े चेहरे हैं. इनमें गौतम देव, रंजन सरकार राणा, प्रतुल चक्रवर्ती, सुष्मिता सेन गुप्ता, जेपी कनोडिया, संजय टिबड़ेवाल, डॉक्टर सुप्रकाश राय, नलिनी रंजन राय, संजय शर्मा ,विजय दे ,अरुण घोष और कुंतल राय के नाम शामिल किए गए हैं. इस तरह से नए और पुराने चेहरे मिलाकर दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस की नई कमेटी बनाई गई है.पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी के अनुमोदन के बाद दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस की नई कमेटी विधिवत रूप से काम करना शुरू कर देगी. अब देखना है कि तृणमूल कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर सांगठनिक बदलाव से पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का वापस दर्जा दिलाने में कितनी कामयाबी हासिल होती है. सवाल यह भी है कि ऐसे बदलाव से पार्टी कितना मजबूत होती है. पंचायत चुनाव से पूर्व इस तरह के सांगठनिक बदलाव की राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है.