हुमायूं कबीर अब अपने बयान से मुकर गए हैं. उनके ताजा बयान से ऐसा संकेत मिलता है कि वे ना तो टीएमसी से इस्तीफा देंगे और ना ही विधायक पद छोड़ेंगे. ऐसे में नई पार्टी बनाने की बात तो छोड़ ही दीजिए! कल को खुद बाबरी मस्जिद निर्माण से अलग- थलग कर लें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी!
यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि हुमायूं कबीर पर किसका दबाव था या उन्होंने अपनी मर्जी से फैसला लिया था. हालांकि ममता बनर्जी ने इस मामले में एक अनुकरणीय फैसला लिया है, परंतु सोशल मीडिया पर इसके लिए मुख्यमंत्री को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है. बीजेपी तो हद से ज्यादा हमलावर हो गई है.
हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने जैसा प्रतीकात्मक कार्यक्रम रखा था. उन्होंने लगभग 40000 लोगों की भीड़ में फीता काट कर मस्जिद निर्माण के अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था. सोशल मीडिया पर जो चल रहा है, उसके अनुसार नींव रखे जाने के बाद मेहमानों को शाही बिरयानी परोसी गई थी. मस्जिद निर्माण के लिए 1.30 करोड रुपए से ज्यादा डोनेशन एकत्र हो चुका है. कई डोनेशन बॉक्स अभी खुले भी नहीं है.
हुमायूं कबीर ने कहा है कि फरवरी में 1 लाख लोगों से कुरान का पाठ करवाएंगे. उसके बाद मस्जिद निर्माण शुरू होगा. उस समय बंगाल में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही होगी. हुमायूं कबीर का मस्जिद कार्यक्रम और उसके बाद कुरान पाठ का कार्यक्रम इत्यादि के समय को देखते हुए भाजपा को इस पर राजनीति करने का अच्छा अवसर मिल गया है. भाजपा इसे ध्रुवीकरण के दृष्टिकोण से देख रही है.
कार्यक्रम तो हुमायूं कबीर ने किया है. लेकिन भाजपा इसके लिए ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहरा रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि ममता बनर्जी ड्रामा कर रही है और अपने नेताओं से हुमायूं कबीर के खिलाफ बयान दिलवा रही हैं. केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार कहते हैं कि ममता बनर्जी ने हुमायूं कबीर के खिलाफ सिर्फ दिखावे के लिए कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा कोई कार्यक्रम करती है तो पुलिस मंच तक उखाड़ देती है. यहां मस्जिद की नींव रखी गई, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया.
टीएमसी की तरफ से पलटवार भी किया जा रहा है. सायोनी घोष कहती हैं कि कोई भी मंदिर बना सकता है. कोई भी मस्जिद बना सकता है. भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी अब ममता बनर्जी पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने ममता बनर्जी पर सांप्रदायिक ताकतों की मदद करने का इल्जाम लगाया है. कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का कहना है कि ममता बनर्जी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है. इमरान मसूद ने ममता बनर्जी से हुमायूं कबीर के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की है.
सोशल मीडिया पर लोग कमेंट कर रहे हैं कि हुमायूं कबीर जब भाजपा में थे, तब उन्हें मस्जिद निर्माण की सुध नहीं आई थी. अब वे देश में नफरत बोना चाहते हैं. हुमायूं कबीर नफरती बयान देकर भी कई बार चर्चा में आए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में हुमायूं कबीर ने कहा था कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा. अगर 2 घंटे में तुम्हें भगीरथी नदी में डुबो न दिया तो! तुम 30% तो हम 70% हैं. मैं तुम्हें शक्तिपुर में रहने नहीं दूंगा.
यह मामला अभी शांत नहीं हुआ है, जब तक कि हुमायूं कबीर का ताज़ा बयान नहीं आ जाता कि वह मस्जिद निर्माण से खुद को अलग-थलग कर लेते हैं, तब तक इस पर राजनीति हावी होती रहेगी. सोशल मीडिया पर लोगों को रोज ही नए-नए कमेंट देखने को मिलते रहेंगे. भले ही हुमायूं कबीर ने टीएमसी से इस्तीफा न दिया हो, परंतु टीएमसी ने हुमायूं कबीर से फासला बनाने का फैसला कर लिया है. टीएमसी संसदीय दल ने आगामी विधानसभा सत्र को देखते हुए कबीर की विधानसभा में सीट बदलने का फैसला ले लिया है. उन्हें सामान्य सीटों से दूर बैठाने पर विचार हो रहा है.
