नेपाल में तख्ता पलट हो चुका है. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद भारत का पड़ोसी राष्ट्र नेपाल भी तख्ता प्लट वाला देश हो गया है. प्रधानमंत्री ओली के बाद राष्ट्रपति ने भी इस्तीफा दे दिया है. काठमांडू की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की विक्ट्री परेड शुरू हो गई है. नेपाल में गली, मोहल्ले, सड़कों पर बालेन शाह का पुराना रैंप सॉन्ग चर्चा में है, नेता जती सबै चोर…
नेपाल में वैकल्पिक सरकार और नए नेतृत्व की मांग उठ रही है. काठमांडू के हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है. पूरा शहर छावनी में तब्दील हो गया है. कल तक जिस शख्सियत को कोई जानता तक नहीं था, आज नेपाल में तख्ता पलट के बाद युवाओं के होठों पर एक ही नाम उछल रहा है. वह हैं बालेन शाह. आंदोलनकारी बालेन शाह के हाथ में नेपाल का भविष्य सौंपना चाहते हैं.
ऐसे में लोगों की उत्सुकता और दिलचस्पी बालेन शाह को लेकर है. लोग जानना चाहते हैं कि यह बालेन शाह कौन है और उसकी नेपाल के आंदोलन में क्या भूमिका है? तो आपको बता दे कि बालेन शाह या बालेंद्र शाह नेपाल में जारी आंदोलन के प्रमुख चेहरे है. बता दें कि बालेंद्र शाह काठमांडू के मेयर हैं. वह नेपाल में युवाओं और यंगस्टर्स के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
इस शख्सियत ने नेपाल के इस बड़े आंदोलन की स्क्रिप्ट तैयार की है. नेपाल न्यूज़ के अनुसार बालेंद्र शाह का कद और प्रभाव कुछ ऐसा है कि टाइम मैगजीन ने 2023 की अपनी शीर्ष 100 शख्सियत की सूची में उन्हें जगह दी थी. जबकि द न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे मीडिया संस्थानों ने उन्हें कवर किया है. बालेंद्र शाह के दुनिया भर में प्रशंसक हैं.उनके प्रशंसकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
बालेंद्र शाह की जीवन शैली, style आदि नेपाल के युवाओं के लिए एक रोल मॉडल की तरह है. उनकी ही एक आवाज पर नेपाल के स्कूली छात्र आंदोलन के लिए तैयार हो गए. बालेन शाह एक सिविल इंजीनियर भी है. राजनीति में आने से पहले उन्होंने एक सिविल इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी
बहुमुखी प्रतिभा के धनी बालेंद्र शाह एक रैपर भी हैं. काठमांडू में जन्मे बालेंद्र शाह ने वहां के मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. नेपाल में राजनेताओं के बच्चे आलीशान जिंदगी जीते हैं. नेपाल के युवा सोशल मीडिया पर इसे शेयर करते हैं. जब नेपाल की सरकार ने उनके अधिकार को छीन लिया, तब देशभर में जेन जेड ने बालेंद्र शाह के परोक्ष समर्थन में आंदोलन शुरू कर दिया.
सूत्रों के अनुसार बालेंद्र शाह और केपी शर्मा ओली के बीच सियासी दुश्मनी रही है. दोनों का टकराव पूर्व में भी हुआ है. बालेंद्र शाह शुरू से सरकारी नीतियों का विरोध करते आए हैं. बालेंद्र शाह ओली पर भ्रष्टाचार से लेकर तमाम तरह के आरोप लगा चुके है. देखा जाए तो ओली बालेन विवाद तक शुरू हुआ था, जब काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी ने नगर पालिका के नियमों का उल्लंघन करने वाले अवैध विज्ञापन को हटाना शुरू कर दिया.
बहरहाल, नेपाल में zen z आंदोलनकारियों की जीत हुई है. इस जीत के साथ ही बालेंद्र शाह के नेपाल के अगले प्रधानमंत्री के रूप में वहां के युवा देखने लगे हैं. नेपाल की लगातार तस्वीर बदलती जा रही है. ऐसे में यह देखना होगा कि बालेंद्र शाह नेपाल के अगले प्रधानमंत्री होते हैं या नहीं.