October 17, 2025
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

SIR को लेकर बंगाल में तूफान खड़ा होने के मिल रहे संकेत!

पश्चिम बंगाल का राजनीतिक मिजाज कुछ ठीक नहीं लग रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बृहस्पतिवार की रात सिलीगुड़ी में रात्रि विश्राम करने वाली थीं. लेकिन वह दार्जिलिंग से सीधे बागडोगरा हवाई अड्डा पहुंच गई और सिलीगुड़ी गये बिना विमान से कोलकाता लौट गईं.

पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में एक चिंगारी फूट रही है. उत्तर बंगाल में भाजपा के तीन नेताओं पर हमले, दुर्गापुर छात्रा दुष्कर्म कांड, चुनाव आयोग के द्वारा बंगाल में SIR लागू करने की तैयारी, राजनीतिक नेताओं के बड़े-बड़े बोल, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कहना, यह सभी वे मुद्दे हैं जिन्होंने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में एक ऐसी चिंगारी लगाई है, जो कभी भी प्रचंड आग का रूप धारण कर सकती है.

इसके संकेत मिलने लगे हैं. दीपावली, काली पूजा और छठ पूजा बीतने का इंतजार किया जा रहा है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से एस आई आर के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली गई है. त्यौहारों के बाद कोलकाता में पार्टी की ओर से एक विशाल विरोध रैली आयोजित की जाएगी. सूत्र बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रैली के जरिए राज्य में SIR के खिलाफ बिगुल फूंक सकती हैं. ममता बनर्जी ने पहले ही बंगाल में एस आई आर को लेकर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कर दिया है.

एस आईआर लागू होने से पहले ही प्रदेश में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बड़े-बड़े बोल फूट रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता भी कम नहीं हैं. धमकी और वार प्रतिवार चल रहा है. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री तथा बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने चेतावनी दी है कि अगर टीएमसी नेताओं के बहकावे में आकर मुसलमानों ने SIR के विरोध में हिंसा फैलाने की कोई कोशिश की तो केंद्रीय बल इससे कड़ाई से निपटेंगे. उन्होंने कहा है कि केंद्रीय बल हिंसा व तोड़फोड़ करने वालों पर गोली चलाएंगे.

सुकांत मजूमदार की टिप्पणी पर जवाबी पलटवार करते हुए मेदिनीपुर जिले के रामनगर से तृणमूल कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री अखिल गिरी ने कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है तो एक भी गोली चला कर दिखाएं. बैरकपुर के तृणमूल सांसद पार्थ भौमिक ने कहा है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम काटा तो प्रदेश में आग लग जाएगी. भौमिक ने इससे पहले कहा था कि एक भी वैध मतदाता का नाम काटा तो भाजपा नेताओं की कमर में गमछा बांधकर उन्हें अटका कर रखा जाएगा.

हरिशचंद्रपुर के विधायक तजमूल हुसैन ने चेतावनी दी है कि अगर उनके क्षेत्र में किसी का नाम मतदाता सूची से काटा गया तो वह आंदोलन करेंगे. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने नागराकाटा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मतदाता सूची में गैर कानूनी रूप से दर्ज लगभग 2.4 करोड़ नाम हटा दिए जाएंगे. तृणमूल कांग्रेस के नेता चुनाव आयोग पर उंगली उठाते हुए इसे भाजपा का प्रायोजित प्लान बता रहे हैं. और इसीलिए उनकी तरफ से SIR का विरोध किया जा रहा है.

प्रदेश के TMC नेताओं ने सवाल उठाया है कि सुवेंदु अधिकारी और शांतनु ठाकुर जैसे नेता SIR अधिसूचना जारी होने से पहले ही यह कैसे बता रहे हैं कि कितने मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अगर एक भी वास्तविक मतदाता का नाम सूची से हटाया गया तो बंगाल में तूफान खड़ा हो जाएगा. मुख्यमंत्री SIR के जरिए बंगाल में एनआरसी लागू करने की इसे बीजेपी की तैयारी मान रही है.

प्रदेश के भाजपा नेता मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के विरोध के जवाब में कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में बने देना चाहती है, ताकि 2026 के विधानसभा चुनाव में उनके जरिए उनकी नौका पार लग सके. इस बीच चुनाव आयोग की ओर से SIR की अधिसूचना अभी जारी भी नहीं हुई है, फिर भी कई स्थानों से BLO को धमकियां मिल रही हैं. प्रदेश में BLO की ओर से यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्हें मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने के लिए धमकाया जा रहा है.

BLO के एक समूह ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है. इलेक्ट्रॉल वर्कर्स यूनिटी फोरम से जुड़े अधिकारियों ने मांग की है कि उन्हें बूथ स्तर पर चुनावी कार्यों के दौरान सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए. राज्य में एस आई आर की अधिसूचना जारी करने से पहले भारतीय चुनाव आयोग ने प्रदेश के 78 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचन निबंध अधिकारियों के तत्काल प्रतिस्थापन के निर्देश दिए हैं. चुनाव आयोग ने जिला अधिकारियों तथा अतिरिक्त जिला अधिकारियों को इस सप्ताह के भीतर मैपिंग और मैचिंग प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं.इसके बाद ही राज्य में SIR की अधिसूचना जारी की जाएगी.

मौजूदा स्थिति में यह कहना अनावश्यक नहीं होगा कि दीपावली और छठ पूजा के बाद प्रदेश में बहुत बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा होने वाला है. इस समय प्रदेश में उसी तरह की निस्तब्धता है, जैसे आंधी आने से पहले वातावरण में खामोशी रहती है. बहरहाल देखना होगा कि एस आई आर को लेकर प्रदेश की राजनीति में क्या भूचाल आता है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *