पश्चिम बंगाल के लगभग सारे त्यौहार खत्म हो चुके हैं. अब पूरे राज्य में एस आई आर की चर्चा शुरू हो गई है. एस आई आर को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अनाप-शनाप बयान आ रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बयान दिया है कि एस आई आर को लेकर माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर भाजपा नेताओं को खंभे से बांध दो. भाजपा और सीपीएम जैसे दल एसआई आर का समर्थन कर रहे हैं.
उधर पहाड़ में भी एस आई आर की धमक सुनाई पड़ने लगी है. नेताओं के बड़े-बड़े बोल फूट रहे हैं. धमकी और आंदोलन की बात कही जा रही है. दार्जिलिंग में भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा की ओर से चुनाव आयोग को चेतावनी दी गई है कि अगर एक भी गोरखा का नाम मतदाता सूची से हटाया गया तो पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी. दार्जिलिंग हिल तृणमूल युवा कांग्रेस समिति के महासचिव रमेश कडेरिया ने कहा है कि SIR के नाम पर पहाड़ी क्षेत्र के एक भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया तो पूरा पहाड़ सुलग उठेगा.
पहाड़ में भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष सतीश पोखेरल ने कहा है कि SIR के खिलाफ उनकी पार्टी आंदोलन की तैयारी कर रही है. कहने का मतलब कि माहौल लगातार आक्रामक होता जा रहा है. यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हो रही है कि अभी लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि SIR क्या है और इसीलिए लोग भ्रमित हैं. शायद इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने एक हेल्पलाइन नंबर 1950 शुरू किया है. इस हेल्पलाइन नंबर की मदद से SIR से संबंधित कोई भी प्रश्न का उत्तर व्यक्ति को 48 घंटे के अंदर प्राप्त होगा. चुनाव आयोग ने सभी जिलों को अपने-अपने कॉन्टैक्ट सेंटर बनाने के निर्देश दे दिए हैं.
इस बीच इस मुद्दे से संबंधित एक बैठक सिलीगुड़ी महकमा शासक कार्यालय में हुई है. हालांकि यह एक वर्चुअल मीटिंग थी. लेकिन इस बैठक में सिलीगुड़ी के नवनियुक्त महकमा शासक विकास रूहेला, मजिस्ट्रेट और सभी प्रखंडों के बीडीओ शामिल हुए थे. सिलीगुड़ी महकमा के नवनियुक्त महकमा शासक विकास रूहेला ने बुधवार को ही अपना कार्य भार संभाल लिया था. उसके बाद SIR को लेकर उनकी मीटिंग हुई थी. चुनाव आयोग ने इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लिया है, यह इसी से पता चलता है कि सिलीगुड़ी महकमा शासक के कार्य भार संभालने के दिन ही उन्हें मीटिंग में भाग लेना पड़ा.
दार्जिलिंग जिले में कुल 1465 बूथ हैं. एस आईआर प्रक्रिया के लिए प्रत्येक बूथ पर एक-एक BLO तैनात रहेंगे. इस तरह से कुल 1465 बीएलओ और उनके साथ उतना ही वालंटियर नियुक्त किए जाएंगे. यह सभी वालंटियर और BLO सरकारी कर्मचारी होंगे. सभी बीएलओ को 1 नवंबर तक प्रशिक्षण दे दिया जाएगा. उसके बाद उन्हें चुनाव आयोग के दिशा निर्देशानुसार 4 नवंबर से मतदाताओं के घर-घर जाकर एस आई आर प्रपत्र वितरित करने होंगे और यह प्रक्रिया 4 दिसंबर तक जारी रहेगी.
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि 4 दिसंबर तक हर हाल में प्रपत्र वितरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद 9 दिसंबर को मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. जबकि 8 दिसंबर से 9 जनवरी तक आपत्तियां दाखिल की जा सकती हैं. अर्थात अगर किसी का नाम मतदाता सूची से काटा गया है अथवा छूट गया है तो वह व्यक्ति इस बीच क्लेम कर सकता है. चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार एस आई आर से जुड़ी सभी जानकारी के लिए सिलीगुड़ी महकमा शासक कार्यालय और बीडीओ कार्यालय में सूचना केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं. लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
ऐसा लगता है कि भारतीय चुनाव आयोग एस आई आर को लेकर किंतु परंतु कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है और अपना दायित्व पूरा करने के लिए कटिबद्ध है. राजनीतिक दलों के नेता क्या बयान दे रहे हैं, इस तरफ चुनाव आयोग का कोई ध्यान नहीं है. चुनाव आयोग हर हालत में निर्धारित समय अवधि के भीतर SIR प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहता है, जो लगभग 4 महीने की है. इस बीच एस आई आर को लेकर प्रदेश में मतदाताओं में दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही है. राज्यपाल ने प्रदेश के मतदाताओं को भरोसा दिया है कि SIR को लेकर उन्हें कोई समस्या नहीं होगी.
