December 30, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

दार्जिलिंग सीट भाजपा से कैसे छिनेगी TMC ?

दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर 2009 से ही भाजपा का कब्जा रहा है. 2009 में भाजपा ने दार्जिलिंग संसदीय सीट से भाजपा के कद्दावर नेता जसवंत सिंह को टिकट दिया था और वह चुनाव जीत गए थे. 2009 से 2014 तक जसवंत सिंह दार्जिलिंग संसदीय सीट से भाजपा के सांसद रहे. लेकिन उनका कामकाज संतोषजनक नहीं रहा. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नया चेहरा मैदान में उतारा. यहां से एस एस अहलूवालिया को टिकट दिया. मोदी लहर के बीच एस एस अहलूवालिया चुनाव जीत गए और भाजपा के सांसद बन गए. लेकिन उन्होंने भी ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे पहाड़ और समतल के लोग संतुष्ट हो सके. 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से भाजपा ने नया चेहरा उतारा. और राजू बिष्ट को टिकट दिया. राजू बिष्ट ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की और भाजपा के सांसद बन गए. तब से राजू बिष्ट दार्जिलिंग लोकसभा सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

राजू बिष्ट ने पहाड़ और समतल के लिए पांच बरसों में क्या काम किया, इसकी मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है. कुछ लोगों की नजर में राजू बिष्ट ने दार्जिलिंग के दूसरे भाजपा सांसदों की तुलना में बेहतर काम किया है, तो कई लोगों का यह भी कहना है कि राजू बिष्ट ने कोई काम नहीं किया. दार्जिलिंग पहाड़ में एक लॉबी उनके विरोध में उतर आई है तथा उन्हें अयोग्य नेता साबित करने पर तुली हुई है. जबकि राजू बिष्ट पूरे आत्मविश्वास के साथ नजर आ रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि उन्होंने जो काम किया है, उसके आधार पर भाजपा फिर से उन्हें यहां से टिकट देगी और वह चुनाव जीतकर दिखाएंगे.

अब हम तृणमूल कांग्रेस की बात करते हैं. तृणमूल कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की यह सीट अपनी झोली में करना चाहती है. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग लोकसभा सीट भाजपा से छीनने की एक फूल प्रूफ योजना तैयार की है.अपनी इस योजना में उन्होंने उत्तर बंगाल के कई सुयोग्य तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को जिम्मेवारी दी है, जो ऐसी रणनीति तैयार कर रहे हैं जिससे पहाड़ के क्षेत्रीय दलों के अधिकांश नेता और संगठन उनका समर्थन कर सकते हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले महीने दार्जिलिंग जा रही हैं. हालांकि उनकी सरकारी यात्रा के कार्यक्रम कुछ और हैं, परंतु सूत्र बता रहे हैं कि अगले लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग संसदीय सीट भाजपा से छीनने की उनकी पहाड़ के कुछ नेताओं के साथ रणनीति बन सकती है.बंद कमरे में एक बैठक होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस इस बार दार्जिलिंग संसदीय सीट के लिए किसी गोरखा को टिकट दे सकती है. मुख्यमंत्री की दार्जिलिंग यात्रा के क्रम में उम्मीदवार के चुनाव की भी रणनीति तैयार हो सकती है. तृणमूल कांग्रेस की तरफ से दार्जिलिंग संसदीय सीट के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में कुछ नाम चर्चा में आ रहे हैं. इन नामो में शांता छेत्री के अलावा बंग रत्न सम्मान से सम्मानित डाक्टर पीडी भूटिया समेत पहाड़ के कुछ चर्चित चेहरे भी हैं.

दार्जिलिंग में इस समय एक बयार बहायी जा रही है. भूमिपुत्र और बाहरी का. कर्सियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर राजू बिष्ट के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. तृणमूल कांग्रेस अच्छी तरह समझती है कि स्थानीय उम्मीदवार को ही प्राथमिकता देनी होगी. वरना उनके साथ भी इस तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है. तृणमूल कांग्रेस की अगली रणनीति यह होगी कि पहाड़ के विकास और क्षेत्रीय दलों के नेताओं को कैसे संतुष्ट किया जाए. जानकार मानते हैं कि अगर भाजपा ने चुनाव से पहले पहाड़ के लोगों से किए गए दो मुख्य वायदे 11 जनजातियों को मान्यता और पहाड़, तराई तथा Dooars का स्थाई राजनीतिक समाधान वाले संकल्प को पूरा नहीं किया तो तृणमूल कांग्रेस के लिए रास्ता आसान हो सकता है. वैसे पहाड़ की राजनीति के बारे में यह भी कहा जाता है कि यहां की हवा कब किस ओर रुख कर ले, कोई नहीं जानता.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *