November 19, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी सिलीगुड़ी गलियारे से होकर नेपाल अथवा भूटान भाग सकते हैं!

इस समय सिलीगुड़ी के नजदीक भारत नेपाल सीमा पानीटंकी और भारत भूटान सीमा जयगांव पर फौजी हलचल बढ़ गई है. सीमा सुरक्षा बल के साथ ही केंद्रीय जवान और विशेष बल तैनात कर दिए गए हैं. यहां हर व्हीकल और आने जाने वालों की सघनता से जांच की जा रही है. केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालय से सेना और बीएसएफ को विशेष निर्देश मिला है. दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी नेपाल, भूटान अथवा बांग्लादेश भाग सकते हैं.

दिल्ली ब्लास्ट मामले की NIA जांच कर रही है. इस मामले में सुरक्षा जांच एजेंसियां और गुप्तचर विभाग रोज ही एक नया खुलासा कर रहे हैं. विभिन्न कड़ियों को आपस में मिलाया जा रहा है. अधिकारियों की ओर से इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि दिल्ली बम विस्फोट के कुछ आतंकी सिलीगुड़ी गलियारे से होकर नेपाल, भूटान अथवा बांग्लादेश भाग सकते हैं. गुप्तचर एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद केंद्र सरकार ने भारत नेपाल पानी टंकी बॉर्डर, भारत बांग्लादेश फुलबारी और भारत भूटान सीमा जयगांव बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है.

पानी टंकी में अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की चूक ना हो और दिल्ली विस्फोट के आतंकी सुरक्षा एजेंसियों और सैनिकों की नजरों से बच ना पाए, सरकार के निर्देश के बाद ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं. सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमा पर विशेष रूप से निगरानी रख रहे हैं.

वास्तव में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे एक खास तकनीक है. इस तरह के कैमरे स्वचालित रूप से वाहनों के नंबर प्लेट को स्कैन करते हैं और तुरंत इसकी पूरी जानकारी कंट्रोल रूम तक पहुंचा देते हैं. ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर तकनीक का इस्तेमाल पहले से ही कई शहरों में ट्रैफिक पुलिस करती रही है. लेकिन अब इसे सीमा क्षेत्र में भी लगाया जा रहा है. जैसे ही कोई गाड़ी अथवा मोटरसाइकिल इन कैमरों के दायरे में आती है, उसकी नंबर प्लेट की फोटो खींच ली जाती है.

SSB के उत्तर बंगाल फ्रंटियर के आईजी वंदना सक्सेना के अनुसार दिल्ली विस्फोट के बाद सरकार किसी भी तरह आतंकियों को ढूंढ निकालना चाहती है. ऐसे में सेना की ओर से किसी भी तरह की चूक नहीं हो सके, इसके लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है. हमारा मकसद आतंकियों के छिपने के स्थल को ढूंढ निकालना और उन्हें सीमा पार जाने से पहले ही धर दबोचना है.

सिलीगुड़ी की तीनों अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं भारत बांग्लादेश, भारत नेपाल और भारत भूटान सीमा पर विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पहले चरण में भारत नेपाल सीमा के पानी टंकी और भारत भूटान सीमा के जय गांव तथा कूचबिहार जिले में चेंगरा बांधा में एएनपीआर कैमरे स्थापित किये जा रहे हैं. सशस्त्र सीमा बल ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है. इसके अलावा सीमा पर सीसीटीवी कैमरे की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

पश्चिम बंगाल में SSB के अधीन कुल 546.6 किलोमीटर सीमा है. उनमें से सिलीगुड़ी फ्रंटियर के तहत 284 किलोमीटर आता है, जो बेहद संवेदनशील है.इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि आतंकी नेपाल अथवा भूटान या बांग्लादेश की खुली सीमा का फायदा उठाकर भाग सकते हैं या फिर सीमा पार से यहां आतंकियों का कोई नया साथी आ सकता है. गुप्तचर एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा के साथ ही तीनों अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर गश्त और सघन जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.

SSB सूत्रों ने बताया कि अब तक मैन्युअल निगरानी पर ज्यादा जोर था. लेकिन दिल्ली विस्फोट के बाद केंद्र ने साफ कर दिया है कि दिल्ली विस्फोट के आतंकी अगर पाताल में भी छिपे होंगे तो उन्हें ढूंढ निकालना है, इसके लिए सुरक्षा एजेंसियां तकनीकी निगरानी को प्राथमिकता दे रही है. जिस तरह से सिलीगुड़ी के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और सीमा पर उच्च तकनीकी तलाशी अभियान शुरू किया गया है, अगर दिल्ली विस्फोट के आतंकी सिलीगुड़ी कॉरिडोर में छिपे होंगे तथा नेपाल, भूटान या बांग्लादेश भागने की फिराक में होंगे तो निश्चित रूप से वे पकड़े जाएंगे.

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