October 15, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म कांड का चौंकाने वाला सच सबको हैरान कर देगा!

इस समय पूरे बंगाल और देशभर में दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म कांड सुर्खियों में है. इस कांड पर खूब राजनीति की जा रही है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस ने अस्पताल में पीड़िता को देखने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की स्थिति वाला बयान भी दे दिया. लेकिन आज दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच कर रही पुलिस ने अपनी तफ्तीश के बाद जो पाया है, वह हैरान कर देने वाला है. क्या है पूरा सच? जिसे पुलिस दावे के साथ कह रही है?

कल तक बंगाल और पूरा देश दुर्गापुर में कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की बात कर रहा था. आज पुलिस ने इस केस को ही पलट दिया है. दुर्गापुर सामूहिक दुष्कर्म कांड की जांच कर रही पुलिस ने दावा किया है कि छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था. पुलिस के इस दावे के बाद पीड़िता के माता-पिता समेत पूरा देश अचंभित है.

पीड़िता के माता-पिता दावा कर रहे हैं कि उनकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. लेकिन पुलिस का दावा है कि पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था. उसके साथ केवल एक आरोपी ने ही दुष्कर्म किया था, जिसके साथ पीड़िता रात्रि 8:00 बजे खाना खाने कैंपस से बाहर गई थी. पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के दोस्त को आखिरी समय में गिरफ्तार किया था और उससे पूछताछ के बाद यह दावा किया है. अब तक इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

इस मामले में अब तक जो कहानी सामने आ रही है, उसके अनुसार छात्रा रात्रि 8:00 बजे अपने एक सहपाठी के साथ डिनर करने के लिए कॉलेज कैंपस से बाहर गई थी. लौटते वक्त छात्रा को तीन लोगों ने रोक लिया. उन्होंने उसका मोबाइल छीन लिया और फिर उसे कैंपस के सामने स्थित जंगल में ले गए, जहां उन्होंने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इस घटना की जानकारी खुद पीड़िता ने पुलिस को दी थी.

इस घटना के बाद पूरे बंगाल और देश में भूचाल आ गया. बंगाल समेत देश के अलग-अलग राज्यों में छात्रा को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू हुआ. पुलिस पर दबाव बढा तो पुलिस ने रविवार को इस मामले में आरोपी एस के रियाजुद्दीन, अरूप बरूई और फिरदौस को गिरफ्तार किया, जबकि सोमवार को पुलिस ने एस के नसीरुद्दीन को भी अपनी हिरासत में लिया. अब तक की जांच में पुलिस ने इस मामले की तह तक पहुंचने का दावा किया है.

पुलिस ने कहा है कि रियाजुद्दीन मेडिकल कॉलेज में गार्ड की नौकरी करता था. उसका चरित्र शुरू से ही खराब रहा है. उसकी गुंडागर्दी और अनैतिकता के कारण 5 साल पहले ही कॉलेज प्रशासन ने उसे नौकरी से निकाल दिया था. पुलिस का शक शुरू से ही पीड़िता के दोस्त वाजिब अली पर था. क्योंकि घटना के समय वह गायब था. वाजिब अली को पुलिस हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही थी. लेकिन वह लगातार अपना बयान बदल रहा था.

पिछले चार दिनों में वाजिब अली ने कई बार बयान बदले हैं. हर बार वह पुलिस की पूछताछ में अलग-अलग जवाब दे रहा था. मंगलवार को पुलिस ने क्राइम सीन रिक्रिएशन किया. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के पास जो भी तथ्य सामने आए हैं, उसके आधार पर पुलिस यह दावा कर रही है. पुलिस ने इन्हीं तथ्यों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की बात को खारिज कर दिया है. अब तक पुलिस ने पीड़िता के मोबाइल फोन को भी बरामद कर लिया है.

अब देखना होगा कि पुलिस के इस जांच नतीजे और दावे के बाद इस मामले में और क्या नया खुलासा सामने आता है! राजनीतिक दल खासकर भाजपा पुलिस की जांच पड़ताल पर क्या नया बयान देती है और यह भी कि पीड़िता के माता-पिता पुलिस की नई कहानी पर कितना यकीन करते हैं! आने वाले समय में यह भी पता चल जाएगा.

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