इस मानसून में देश भर में कम बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है. यूं तो पश्चिम बंगाल में बारिश हो रही है, लेकिन मानसून की बारिश 40% कम हुई है. सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के साथ साथ बंगाल के दक्षिणी जिलों में भी कम और ज्यादा बारिश हो रही है. इस बीच अलीपुर मौसम विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि दुर्गा पूजा के दौरान तेज बारिश हो सकती है.
दुर्गा पूजा में लगभग 2 महीने रह गए हैं. सिलीगुड़ी, कोलकाता और राज्य के कई भागों में पूजा क्लबो की ओर से खूंटी पूजा के साथ ही दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. जानकार मानते हैं कि इस साल भव्य रुप से दुर्गा पूजा के पंडाल तैयार होंगे. क्योंकि राज्य सरकार भी राज्य के पूजा क्लबों को पहले से कहीं अधिक वित्तीय और आर्थिक सहायता दे सकती है. इसके अलावा कई क्लब ऐसे हैं, जो सिल्वर जुबली और गोल्डन जुबली पूजा की तैयारी कर रहे हैं.
एक साधारण पंडाल तैयार करने में लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं. पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष उल्लास रहता है. पंडाल को तैयार करने में पानी की तरह पैसा बहा दिया जाता है, ताकि क्लब की ओर से पूजा को विशिष्ट बनाया जा सके. बंगाल की दुर्गा पूजा की विश्व में भी चर्चा होती है. यहां की दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने विश्व हेरिटेज की सूची में घोषित किया है. ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि पूजा पंडालों में भारी-भरकम खर्च कर और लोग वहां बारिश के कारण घूम न सके तो पूजा घूमने का भी मजा किरकिरा हो जाता है.
यूं तो पूजा पंडालों को रेन वाटर प्रूफ बनाया जाता है. या फिर पंडाल को बरसात से बचाने के लिए तकनीक अपनाई जाती है.लेकिन अगर बारिश के कारण लोग पंडाल में तक पहुंच नहीं सके तो पूजा पंडाल का मकसद ही पूरा नहीं हो पाता है.हालांकि यह भी सत्य है कि हर साल दुर्गा पूजा के दौरान कम या ज्यादा बारिश होती है. परंतु इस बार मौसम विभाग पूजा के दौरान अधिक बारिश की संभावना व्यक्त कर रहा है. इसलिए चिंता की बात तो है ही.
खैर, बरसात और चक्रवाती हवा पर किसी का जोर नहीं है. क्लबो की ओर से जितनी व्यवस्था होनी चाहिए,उतनी वह करेंगे ही. यह देखना होगा कि पूजा के समय कितनी बरसात होती है और किन-किन क्षेत्रो में बरसात होती है. अगर कम बरसात होती है तो लोग अधिक से अधिक पूजा घूमने निकलेंगे. लेकिन तेज बरसात में बहुत कम लोग ही पूजा पंडालों को घूमने जाएंगे. अगर मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर गौर करें तो दुर्गा पूजा के दौरान पूजा क्लबों के साथ-साथ पूजा घूमने वाले लोगों को भी पूरी तैयारी के साथ घर से निकलना चाहिए.