जैसे ही राज्य में मतदाता draft सूची का प्रकाशन होगा, विभिन्न दलों की ओर से चुनाव प्रचार की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. जो अगले साल यानी जनवरी से जोर पकड़ने लगेगी. लेकिन इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पश्चिम बंगाल दौरा शुरू हो रहा है. प्रधानमंत्री संभवत: 20 दिसंबर को नदिया जिले के राणाघाट से चुनाव प्रचार शुरू करने वाले हैं. यहां पार्टी की ओर से उनकी एक बड़ी सभा का आयोजन किया जा रहा है.
राजनीतिक हलकों में प्रधानमंत्री के बंगाल दौरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है.क्योंकि अभी चुनाव में काफी विलंब है. चुनाव आयोग के द्वारा ना तो कोई अधिसूचना जारी की गई है और ना ही अन्य निर्देश. आमतौर पर प्रधानमंत्री की सभा का कार्यक्रम पार्टी चुनाव के दौरान ही तय करती है. इसलिए राणाघाट के लोग भी चकित हैं कि विधानसभा चुनाव से चार-पांच महीने से ही प्रधानमंत्री ने बंगाल दौरा क्यों शुरू कर दिया.
राजनीतिक विश्लेषकों तथा पंडितों के अनुसार नदिया जिले के ठाकुर नगर के साथ-साथ राणाघाट इलाका मतुआ बहुल इलाका माना जाता है. यहां मतुआ समुदाय के लोग विधानसभा की कई सीटों पर उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं. यहां के मतुआ समुदाय को अपने पाले में करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही इलाके का दौरा कर चुकी हैं और मतुआ समुदाय के लोगों को यह कहना शुरू कर दिया है कि बीजेपी उनका वोट छीन रही है. BjP उन्हें यहां से भगाना चाहती है. मतुआर समुदाय के कई इलाकों में कई मतुआ सदस्य राज्य में SIR का विरोध कर रहे हैं.
समझा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले कि घाव गहरा हो जाए, मतुआ समुदाय के लोगों के जख्मों पर मलहम रखने के लिए वक्त से काफी पहले बंगाल का दौरा कर रहे हैं. ताकि वह मतुआ समुदाय के बीच में जाकर उन्हें भ्रम से निजात दिला सके.मतुआ समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर भी माना जाता है. लेकिन इस समय मतुआ समुदाय के लोग बीजेपी से नाराज हैं.
वास्तव में राज्य में चल रही मतदाता सूची की गहन संशोधन प्रक्रिया को लेकर मतुआ समुदाय सबसे अधिक चिंतित है. नाम हटने की आशंका से वे काफी परेशान है.ममता बनर्जी ने अपने भाषणों के जरिए उन्हें यह समझाने की कोशिश की है कि उनकी इस हालत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा जिम्मेदार है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री मतुआ समुदाय के मन का ख्याल रखने तथा उनकी गलतफहमी दूर करने के लिए उनके इलाके से ही चुनाव प्रचार शुरू करना चाहते हैं.
भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चटर्जी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताहीरपुर के मैदान में जनसभा होने वाली है, जिसके लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताहीरपुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे और कई केंद्रीय परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे. प्रधानमंत्री के बंगाल दौरे को देखते हुए प्रदेश भाजपा के नेता और कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं.
आपको बताते चलें कि मतुआ समुदाय बंगाल की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारतीय जनता पार्टी इस समुदाय को साधने की पूरी कोशिश कर रही है. नागरिकता संशोधन अधिनियम और मतदाता सूची संशोधन जैसे मुद्दों पर मतुआ समुदाय की चिताओं को दूर करना भाजपा की प्राथमिकता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहतर और कोई नेता नहीं हो सकता. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यहां सभा रखी गई है. राजनीतिक पंडितों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहीं से चुनावी शंखनाद कर सकते हैं.
