सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में अनेक व्यक्तियों ने सहारा की विभिन्न कंपनियों में काफी पैसा निवेश किया हुआ है और बरसों से इंतजार कर रहे हैं कि सहारा की ओर से उनके पैसे का भुगतान किया जाएगा. सहारा सेबी विवाद के बाद निवेशक उम्मीद छोड़ चुके हैं कि उनका पैसा वापस मिलेगा. कई निवेशकों ने सहारा पर केस भी किया है. अदालतों में चक्कर काट रहे हैं.
यह सिर्फ सिलीगुड़ी का ही मामला नहीं है. बल्कि देशभर में लगभग सभी जगह सहारा के निवेशक मौजूद हैं.अपने पैसे के भुगतान के लिए निवेशकों द्वारा स्थानीय शाखा कार्यालय में प्रदर्शन किया जा रहा है. बहुत से निवेशक उम्मीद छोड़ चुके हैं और अब खुद को किसी तरह सांत्वना दे रहे हैं.
सिलीगुड़ी में सहारा की ब्रांच शाखाएं एसएफ रोड और दूसरे इलाके में है. सूत्रों ने बताया कि सहारा की लगभग सभी शाखाएं बंद हो चुकी है. सिलीगुड़ी से बाहर अन्य स्थानों पर जो ब्रांच ऑफिस चल रहे हैं. मात्र औपचारिकता का निर्वाह हो रहा है या फिर बंद प्राय है. क्योंकि सहारा में लेन-देन को सेबी ने पहले ही बंद कर दिया है . स्थानीय शाखा कार्यालय और अधिकारियों के द्वारा पैसे के भुगतान को लेकर सहारा सेबी का विवाद बताकर मुंह बंद किया जा रहा है. इन सभी के बीच सहारा के निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर भी आई है.
अगर सहारा में आपका पैसा फसा है तो निराश और मायूस होने की जरूरत नहीं है. आपका पैसा डूबने के चांस कम हो गए हैं. कुछ विलंब हो सकता है.लेकिन भुगतान होने के आसार बढ़ गए हैं. सहारा सेबी फंड में 24000 करोड़ जमा है. भारत सरकार ने इसमें से 5000 करोड़ रुपए अलाट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की है ताकि 1.1 करोड़ निवेशकों के पैसों का भुगतान किया जा सके.
सरकार के इस कदम के बाद सिलीगुड़ी और देशभर में सहारा के निवेशकों के निराश चेहरे पर उम्मीद की किरण लौटी है.अब देखना है कि निवेशकों के पैसे का भुगतान कब तक हो पाता है. लेकिन इतना तो तय है कि अगर कुछ निवेशकों के भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है तो शेष निवेशकों का पैसा भी नहीं डूबेगा. मालूम हो कि सहारा क्रेडिट को ऑपरटिव सोसाइटी, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी ,हमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी तथा स्टार्टस मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसायटी में देश भर के 9 करोड से अधिक निवेशकों का पैसा फंसा है.