जब आप 8 जुलाई को अपने नजदीकी बूथ पर मतदान करने जाएंगे तो वहां आपके गिर्द केंद्रीय बल तैनात नजर आएंगे.इससे पहले बंगाल में पंचायत चुनाव के मद्देनजर मतदान केंद्रों पर राज्य पुलिस बल तैनात होता रहा है. अगर अचानक कोई उलटफेर नहीं होता है तो कदाचित यह एक ऐतिहासिक कदम होगा, जब केंद्रीय बलों की निगरानी में बंगाल में पंचायत चुनाव संपन्न होंगे. सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य चुनाव आयोग के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं रह जाता है. हालांकि राज्य चुनाव आयोग के पास एक विकल्प बचा है. लेकिन बदली परिस्थितियों में उसका इस्तेमाल शायद ही चुनाव आयोग कर सके.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा उनकी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में हिंसा के मद्देनजर कोलकाता हाईकोर्ट के सेंट्रल फोर्स की तैनाती के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि चुनाव कराना हिंसा कराने का लाइसेंस नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद ममता बनर्जी की सरकार को जोर का झटका लगा है. भाजपा समेत विपक्षी पार्टियां सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी जीत बता रही हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने कहा है कि हाईकोर्ट का दिशानिर्देश राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने की जिम्मेदारी को पूरा करने में मदद करेगा. न्यायाधीशों की पीठ ने कहा है कि कोलकाता हाई कोर्ट का निर्देश यह सुनिश्चित करेगा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव गैर संवेदनशील क्षेत्रों में भी कराए जाएं.
आपको बताते चलें कि कोलकाता हाईकोर्ट में 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था. इसके खिलाफ राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. राज्य में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद कई लोगों की ज्यादा लोगों की चुनावी हिंसा में मौत हो चुकी है. राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार चुनावी हिंसा और झड़प की खबर आ रही है.
इस बीच पंचायत चुनाव में नामांकन वापस लेने के लिए विपक्षी उम्मीदवारों को धमकियां मिल रही हैं. विपक्षी दलों की ओर से तृणमूल कांग्रेस पर लगाए गए इस आरोप को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है. जनहित याचिका में कहा गया है कि मिल्खा,हारूवा ,हावड़ा, बसीरहाट, बारासात समेत कई जगहों पर विपक्षी उम्मीदवार नामांकन नहीं भर सके हैं. नामांकन की तारीख 1 दिन और बढ़ाने को लेकर भी हाईकोर्ट से फरियाद की गई है.