पंचायत चुनाव में कोलकाता हाई कोर्ट के हस्तक्षेप से इनकार करने के बाद सभी राजनीतिक दलों के द्वारा मनोनयन पत्र दाखिल करने समेत चुनावी चर्चा का काम शुरू कर दिया गया है. पहाड़ से लेकर समतल तक उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर रहे हैं. पहाड़ में तो शांति दिख रही है. किंतु समतल में ऐसे भी आरोप लग रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस के लोग दूसरे दलों को मनोनयन पत्र दाखिल करने से रोक रहे हैं. कई क्षेत्रों में हिंसा की भी खबर आ रही है.
इस बीच कुछ अच्छी खबर भी सामने आ रही है. मंगलवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सालबनी में भाजपा सांसद दिलीप घोष को तृणमूल कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने ठंडा पानी और ओ आर एस का घोल पिलाया. दिलीप घोष अपनी पार्टी के प्रत्याशियों का नामांकन देखने गए थे. लेकिन इस तरह का नजारा सब जगह नहीं है.उत्तर बंगाल के कूचबिहार और जलपाईगुड़ी जिलों में भाजपा बनाम टीएमसी के संघर्ष की घटनाएं लगातार सामने आ रही है.
राज्य में चुनाव आयोग ने 7 जिलों को संवेदनशील घोषित किया है. इन जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती तो होगी, लेकिन बंगाल के शेष जिलों में पुलिस की देखरेख में ही मतदान होगा. इस बीच राज्य पुलिस के द्वारा विभिन्न इलाकों में रूट मार्च भी शुरू कर दिया गया है ताकि शांति और सद्भाव बना रहे. सिलीगुड़ी के नजदीक डाबग्राम फुलवारी इलाका हमेशा से ही तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के संघर्ष का क्षेत्र रहा है. न्यू जलपाईगुड़ी की पुलिस ने इन इलाकों में शांति मार्च किया है. इसके अलावा अस्सीघर चौकी की पुलिस ने माझाबाड़ी में रूट मार्च निकाला है.
इस बीच पंचायत चुनाव में टिकट नहीं मिलने से विभिन्न दलों के नेताओं का दलबदल भी शुरू हो गया है.DOOARS के विभिन्न स्थानों से तृणमूल कांग्रेस के पंचायत नेताओं तथा सदस्यों ने भाजपा का दामन थामा है. इन्हें टीएमसी ने टिकट नहीं दिया है. दूसरी ओर कालचीनी प्रखंड में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इसी तरह से बीरपारा में भी टीएमसी छोड़कर कई नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, तो कई क्षेत्रों में भाजपा से भी काफी कार्यकर्ता और नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं.
ऐसी भी खबर आ रही है कि राज्य के कुछ जिलों में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा दूसरे दलों के उम्मीदवारों को मनोनयन पत्र दाखिल करने से रोका जा रहा है. बुधवार को नामांकन भरने के दौरान बीडीओ दफ्तर के बाहर एक बार फिर से हिंसा की झड़प देखने को मिली है. दक्षिण 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस और एआईएसएफ के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. सिलीगुड़ी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मनोनयन पत्र दाखिल करने के क्रम में कई स्थानों से हिंसक संघर्ष की भी खबरें आ रही है.इन सभी घटनाओं के प्रतिवाद में एसएफआई, डीवाईएफआई तथा पश्चिम बंग गणतांत्रिक महिला समिति दार्जिलिंग जिला समिति के सदस्यों ने संयुक्त रुप से सिलीगुड़ी में प्रतिवाद जुलूस निकाला है. आने वाले एक-दो दिनों में राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार और सभा गोष्ठियों का दौर भी शुरू होगा. इससे पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जाएगी.