कुछ दिन पहले तक कश्मीर धरती का स्वर्ग था. कश्मीर की घाटी में विहार करना जैसे स्वर्ग में घूमना था. यहां की कई घाटियों में पर्यटकों के घूमने फिरने के लिए प्राकृतिक टूरिस्ट प्लेस है. जहां पर्यटक आते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि वे जैसे स्वर्ग में आ गए हैं. उन्हीं में से पहलगाम में बेसरण घाटी भी है. इस तरह की कई घाटियां और मैदान पहाड़ों के बीच पर्यटकों को आमंत्रित से करते हैं. यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है.
गर्मियों में अक्सर यहां सैलानियों की भीड़ लगी रहती है. पर आज कश्मीर घाटी शून्य पड़ी है. यहां के होटल, होमस्टे किसी समय पर्यटकों से गुलजार रहते थे. आज होटल और सभी व्यापारिक कार्यों पर भारी असर पड़ा है. पर्यटक नदारद हैं. प्रकृति कुम्हला सी गई है. हरी भरी वादियां देखने और प्रशंसा करने के लिए लोग नहीं हैं. पहलगाम हमले के बाद कश्मीर घाटी की रौनक खत्म हो गई है. पर्यटकों के लिए कश्मीर फिलहाल सुरक्षित नहीं रहा. यही कारण है कि देसी और विदेशी पर्यटक हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और उत्तर पूर्व के राज्यों की ओर रुख कर रहे हैं.
सूत्र बता रहे हैं कि पहलगाम हमले के बाद कश्मीर जाने वाले पर्यटक अब दार्जिलिंग और सिक्किम की ओर रुख करने लगे हैं. इसलिए यहां के पर्यटन संस्थान और पर्यटन कारोबारी पर्यटकों का काफी ध्यान रख रहे हैं. पर्यटकों की सुख सुविधा और आराम के लिए यहां कई पर्यटक स्थलों को भी नए सिरे से संवारा जा रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि मई और जून महीने में सिक्किम और दार्जिलिंग में बहुत ज्यादा पर्यटक आने वाले हैं.इससे यहां के कारोबारी और दुकानदार भी काफी खुश दिख रहे हैं.
दार्जिलिंग के एक होटल संचालक ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद सारा देश आक्रोश में है. हम सभी दुखी हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को कठोर से कठोर सबक सिखाया जाए. पर यह भी सच है कि देसी विदेशी पर्यटक अब कश्मीर घाटी की ओर न जाकर दार्जिलिंग, सिक्किम तथा अन्य पहाड़ी राज्यों की ओर जाने लगे हैं. होटल प्रबंधक ने बताया कि पिछले दो दिनों में अनेक पर्यटकों के फोन आ रहे हैं. लेकिन मई और जून महीने में सारे कमरों की बुकिंग हो चुकी है. लगभग इसी तरह की बात गौरी, गणेश, मोहन थापा और दूसरे होटल वालों ने बताई.
कुछ इसी तरह का उत्साह सिक्किम के होटल कारोबारी और दूसरे उद्योग धंधे करने वाले लोगों में भी देखा जा रहा है. वे बताते भी हैं कि पहलगाम हमले के बाद पर्यटक कश्मीर घाटी जाने से कतरा रहे हैं.वे सिक्किम आना चाहते हैं. अनेक पर्यटकों के फोन आ रहे हैं.पिछले दो दिनों में काफी संख्या में पर्यटक फोन कर चुके हैं. सिक्किम की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार पर्यटन है. सूत्रों ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद पर्यटन कारोबारी मानने लगे हैं कि इस बार सिक्किम में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आएंगे. इससे सिक्किम के होटल, उद्योग धंधे और व्यापारिक कार्यों में काफी प्रगति आएगी.
सिलीगुड़ी के निकट दार्जिलिंग और सिक्किम जैसे पर्यटन स्थलों पर पर्यटक काफी संख्या में जा रहे हैं. अगले महीने से बच्चों की छुट्टियां पड़ जाएगी. ऐसे में पर्यटक अपने परिवार के साथ पहाड़ों की ओर निकलेंगे. वैसे भी समतल में लू और गर्मी का ज्यादा असर देखा जा रहा है. ऐसे में पर्यटक पहाड़ों की ओर निकल रहे हैं. पहलगाम हमले से पहले तक पर्यटकों की पसंद की सूची में कश्मीर सबसे ऊपर रहता था. लेकिन इस घटना के बाद पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल करा कर उत्तराखंड, हिमाचल और दार्जिलिंग की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.
सिक्किम पर्यटकों की पहली पसंद है. क्योंकि सिक्किम घूमने आए पर्यटक चीन बॉर्डर भी जाते हैं. यहां नाथूला का मंजर पर्यटकों के दिल को छू लेता है. जो पर्यटक सिक्किम आते हैं ,वे दार्जिलिंग भी घूमने जाते हैं. इसी तरह से दार्जिलिंग घूमने वाला पर्यटक सिक्किम भी जाता है और सिक्किम वाला पर्यटक दार्जिलिंग घूमने भी आता है. इस समय पहाड़ के पर्यटन क्षेत्र में काफी विकास देखा जा रहा है. दार्जिलिंग पर्यटन कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पर्यटकों के लिए दार्जिलिंग पूरी तरह तैयार है.
दार्जिलिंग में संदकफू, तुमलिंग आदि विभिन्न पर्यटक स्थल हैं. इसके अलावा टाइगर हिल, बतासिया लूप, रॉक गार्डन इत्यादि बहुत से पर्यटक स्थल है जहां पर्यटक काफी संख्या में प्रकृति का मजा ले रहे हैं. इस समय दार्जिलिंग और गंगटोक में मौसम साफ भी है. इसलिए पर्यटकों को काफी मजा आ रहा है. यहां प्रकृति के आंगन में भिन्न-भिन्न रंगों के फूल खिल रहे हैं, जिनकी खुशबू पर्यटकों को काफी भा रही है. पक्षियों के बदले स्वर भी पर्यटकों को झंकृत कर रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि पहलगाम हमले के बाद दार्जिलिंग और सिक्किम के पर्यटन कारोबारियों को काफी लाभ होने जा रहा है.