छोटे से लेकर बड़े वाहन चलाने वाले लोगों को जल्द ही राहत मिलने जा रही है. ऐसा संकेत मिल रहा है कि भारत में डीजल और पेट्रोल के दाम में जल्द कमी आने वाली है. सिलीगुड़ी के बाजार में पेट्रोल आज भी ₹100 प्रति लीटर से ज्यादा महंगा है. लेकिन अगर यह कल ₹100 से नीचे आ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. कच्चा तेल 66- 69 प्रति बैरल पर आ गया है. इसके बाद यह उम्मीद की जा रही है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट आएगी. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले ही यह संकेत दे दिया था कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में स्थिरता या गिरावट आती है तो डीजल और पेट्रोल के दाम में कमी आ सकती है.
पेट्रोलियम मंत्री के आश्वासन, संकेत, अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट तथा तेल उत्पादक देशो के संगठन ओपेक का ताजा निर्णय इस दिशा में एक शुभ संकेत है कि आने वाले कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में भारी गिरावट देखी जा सकती है. ओपेक ने अपने ताजा फैसले में कहा है कि सितंबर महीने से तेल का उत्पादन बढ़ जाएगा. इससे विश्व के देशों में तेल की सप्लाई बढ़ेगी और बाजार में तेल की कमी नहीं होगी. इस घोषणा ने तेल का दाम नीचे आने का संकेत दे दिया है.
ओपेक के अंतर्गत 8 सदस्य देश शामिल है. हाल ही में सदस्य देशों ने एक वर्चुअल बैठा की थी. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारत पर रस से तेल खरीद को रोकने के लिए दबाव बढ़ा दिया है. ओपेक के साहसिक कदम ने भारत के उपभोक्ताओं के बीच एक आत्मविश्वास का संचार किया है. एक आत्मविश्वास का वातावरण बना है. कई देश तेल के उपयोग में कटौती का भी संकेत दे चुके हैं. इससे वैश्विक बाजार में तेल की कमी का सामना लोगों को नहीं करना होगा. 7 सितंबर को एक बार फिर बैठक होने जा रही है जिसमें अतिरिक्त तेल की कटौती को फिर से लागू करने पर विचार किया जा सकता है.
ओपेक का यह प्रयास रहता है कि तेल की कीमतों में स्थिरता रहे ताकि तेल के दाम में कमी आ सके. ओपेक के अंतर्गत 10 गैर ओपेक देश शामिल है. इनमें रूस और कजाकिस्तान भी शामिल है. यह समूह दुनिया के कुल तेल उत्पादन का लगभग आधा हिस्सा तैयार करता है. अब यह समूह तेल का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है.
बहरहाल यह देखना होगा कि भारत सरकार के द्वारा डीजल और पेट्रोल के दाम में कितनी कटौती और कब तक कटौती की जाती है.