भारतीय रेलवे, जिसे देश की लाइफलाइन कहा जाता है, लाखों लोगों को उनके घरों तक पहुंचाती है. हाल ही में, एक खबर ने यात्रियों को परेशान कर दिया था. यह खबर थी कि अब ट्रेन में भी हवाई जहाज की तरह ज्यादा सामान ले जाने पर एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा. लेकिन अब इस खबर पर खुद रेल मंत्री ने सफाई दी है, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली है.
रेल यात्रियों के लिए राहत की खबर आई है। हाल ही में यह चर्चा तेज हो गई थी कि भारतीय रेलवे फ्लाइट्स की तर्ज पर अब ट्रेन में भी सामान की लिमिट तय करने जा रही है और तय सीमा से अधिक सामान ले जाने पर जुर्माना वसूला जाएगा। इसको लेकर यात्रियों और राजनीतिक दलों में चिंता का माहौल था। लेकिन अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन अटकलों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है।
एक टीवी इंटरव्यू में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि यात्रियों को किसी भी तरह की घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले की तरह ही यात्री अतिरिक्त सामान के साथ यात्रा कर सकते हैं, और इसके लिए किसी भी तरह का चार्ज या जुर्माना नहीं देना होगा। उन्होंने कहा, “रेलवे में यात्रियों द्वारा अतिरिक्त सामान ले जाना कोई नई बात नहीं है। ऐसा कोई नया नियम नहीं बना है जिसमें ज्यादा सामान ले जाने पर जुर्माना वसूला जाएगा।”
कुछ दिनों पहले खबरें आई थीं कि उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल समेत कई प्रमुख स्टेशनों पर वजन तौलने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगाई जा रही हैं। बताया गया था कि इन मशीनों के जरिए यात्रियों के सामान का वजन किया जाएगा और तय सीमा से ज्यादा वजन होने पर अतिरिक्त चार्ज वसूला जाएगा। ये चार्ज ट्रेन के क्लास — जनरल, स्लीपर, एसी आदि — के अनुसार तय किए जाएंगे।
रेलवे अधिकारियों ने यह जरूर कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों का मकसद यात्रियों को जागरूक करना और पारदर्शिता लाना है, न कि सभी पर जुर्माना लगाना। हालांकि, मीडिया में आई रिपोर्ट्स में यह बताया गया कि तय सीमा से अधिक सामान ले जाने पर छह गुना जुर्माना वसूला जा सकता है, अगर यात्री ने पहले से बुकिंग नहीं की है।
रेल मंत्री की स्पष्ट घोषणा के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि आम यात्रियों को किसी नए नियम का डर नहीं है। पहले की तरह यात्री जरूरत के अनुसार अपना सामान लेकर यात्रा कर सकते हैं। हालांकि रेलवे की योजना इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनें लगाने की है, लेकिन उनका मकसद फिलहाल निगरानी और जागरूकता भर है।
इस घोषणा के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली है। रेलवे के इस रुख से स्पष्ट है कि आम जनता की सहूलियत और सुविधा ही प्राथमिकता है, और बेवजह की अफवाहों से घबराने की जरूरत नहीं है।