November 15, 2024
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फिल्म ‘आदि पुरुष’ पर हंगामा क्यों नहीं थम रहा!

फिल्म आदि पुरुष के प्रदर्शन के खिलाफ देश के लगभग सभी राज्यों में विभिन्न संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे हैं.इनमें ज्यादातर हिंदू और धार्मिक संगठन है. उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक फिल्म के प्रदर्शन पर हंगामा हो रहा है. कई शहरों में तो फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. जबकि नेपाल में तो इस फिल्म के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया है. वहां यह फिल्म नहीं दिखाई जा रही है. नेपाल को इस बात पर एतराज है कि फिल्म में सीता माता को भारत की बेटी बताया गया है.

बनारस में हिंदू संगठनों ने फिल्म के पोस्टर फाड़े और उसके प्रदर्शन पर रोक लगाई. हिंदू महासभा ने लखनऊ में फिल्म के निर्माता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. हरिद्वार में साधु संतों ने मोर्चा खोला और कहा कि भगवान राम और हनुमान को गलत तरीके से चित्रित करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने फिल्म पर बैन लगाने की मांग की और धमकी दी कि अगर इसे तुरंत नहीं रोका गया तो देशव्यापी आंदोलन होगा.

कई राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. छत्तीसगढ़ में वहां की सरकार ने फिल्म को अमर्यादित ढंग से दिखाने पर राज्य में प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. फिल्म के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस समेत अनेक विपक्षी पार्टियां भाजपा और केंद्र सरकार पर हमलावर दिख रही है. खुद भाजपा के कई नेता फिल्म का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं.

साधु संतों का यह मानना है कि इस फिल्म के जरिए सनातन संस्कृति को बदनाम किया जा रहा है जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोध आनंद और महामंडलेश्वर स्वामी संतोष आनंद ने फिल्म के प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. भाजपा समेत दूसरे दल भी फिल्म पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि इस फिल्म में धार्मिक किरदारों को गलत तरीके से पेश किया गया है. लगभग सभी राजनीतिक दल इस फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ हैं.

महाराष्ट्र के नालासोपारा, पालघर में फिल्म के प्रदर्शन को रोक दिया गया है.नेपाल में काठमांडू तथा पोखरा शहर में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगी है. काठमांडू के 17 सिनेमा घर इस फिल्म को नहीं दिखा सके, वहां पुलिस को तैनात किया गया है. विभिन्न धार्मिक संगठन भी सनातन संस्कृति को बदनाम करने के खिलाफ आग बबूला हो रहे हैं और फिल्म पर तुरंत बैन लगाने की मांग कर रहे हैं.

रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने भी फिल्म के प्रदर्शन को धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ बताया. उन्होंने कहा कि राम सीता को आधुनिकता और पौराणिकता के ढांचे में बांटना गलत है. उनके अनुसार रामायण एक आस्था का विषय है और उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए.

इन सभी के बीच केंद्रीय सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि किसी को भी किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है. अगर फिल्म में ऐसा कुछ किया गया है तो डायलॉग को वापस लेने का फिल्म निर्माता से कहा गया है. चर्चा है कि इस फिल्म के निर्माता ने गलत डायलॉग और धार्मिक चरित्र से खिलवाड़ करने के लिए माफी मांगी है. अब देखना है कि चारों तरफ से फिल्म को बैन करने की मांग के पक्ष में पड़ते दबाव के बाद फिल्म के निर्माता का क्या रुख रहता है!

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