November 5, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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बंगाल में SIR पर शुरू हुआ सियासी संग्राम कब तक थमेगा!

सिलीगुड़ी के बहुत से परिवार के लोगों की शिकायत मिल रही है कि उनके नाम 2002 की मतदाता सूची में शामिल नहीं है. हालांकि बहुत से नौजवान मतदाता भी हैं, जिन्होंने 2002 में मतदान ही नहीं किया था. फिर उनके नाम 2002 की मतदाता सूची में कैसे आ सकते हैं! कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने 2002 में मतदान किया था. इसके बावजूद मतदाता सूची से उनके नाम गायब हैं. BLO अधिकारी सभी की बात सुन रहे हैं और मतदाताओं को आश्वस्त कर रहे हैं कि उनके साथ न्याय किया जाएगा. अधिकारी मतदाताओं को समझा रहे हैं कि उनकी पहचान और पते की पुष्टि की जाएगी और इसके आधार पर उन्हें नया वोटर कार्ड मिलेगा.

अधिकारी मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वे अपना दस्तावेज तैयार रखें और उनके साथ सहयोग करें. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी सिलीगुड़ी के लोगों को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं. इस बीच स्टूडियो और फोटोशॉप की दुकानों पर लोगों की भीड़ फोटो खींचाने के लिए लग रही है. एक ताजा फोटोग्राफ BLO के दिए गए प्रपत्र में लगेगा. इसलिए लोग पहले से ही इसकी तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा घर-घर में पहचान और पते के लिए दूसरे दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि SIR को लेकर सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में सरगर्मियां बढ़ गई है.

हालांकि एस आई आर का दूसरा दिन है. लेकिन सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक एस आई आर के मुद्दे पर सियासी संग्राम मचा है. एक तरफ ममता बनर्जी से लेकर अभिषेक बनर्जी तक तो दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी से लेकर सुकांत मजूमदार तक एस आई आर के विरोध और समर्थन पर उतर आए हैं. ममता बनर्जी कह रही हैं कि जान दे दूंगी पर अधिकार नहीं छीनने दूंगी. अगर एक भी वास्तविक मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया तो कयामत आ जाएगी.

अभिषेक बनर्जी कहते हैं कि 7 दिन में 7 लोगों ने SIR के डर से आत्महत्या की है. शुभेंदु अधिकारी पलट कर जवाब देते हैं. वह कहते हैं कि अगर ऐसा है, तो इस मौत के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार है. क्योंकि उन्होंने ही SIR को लेकर बंगाल के लोगों में भय पैदा करने की कोशिश की है. अभिषेक बनर्जी ताल ठोक कर कहते हैं कि अगर एक भी वैध मतदाता का नाम कटेगा तो पूरा बंगाल SIR के खिलाफ पूरे देश को अपनी ताकत दिखा देगा.

सिंगूर में कई भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई है. ममता बनर्जी सवाल करती हैं कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी है और इसमें फर्जी लोगों के नाम शामिल किए गए हैं तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह इतने सालों से चुनाव जीत रहे हैं और केंद्र में उनकी सरकार है तो इसका मतलब है कि आपकी सरकार भी झूठी और फर्जी है. चाहे पक्ष के हों या विपक्ष के, सभी के अपने-अपने तर्क हैं. इस बीच BLO ने जनता के सहयोग से अपना काम भली भांति शुरू कर दिया है घर-घर पहुंचने का काम शुरू कर दिया है.

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने SIR को आसान बनाने के लिए और मतदाताओं के भीतर बैठे डर को बाहर निकालने के लिए हेल्प डेस्क शुरू किया है. सिलीगुड़ी में भाजपा, कांग्रेस,टीएमसी और दूसरे दलों के द्वारा हेल्प डेस्क शुरू किया जा चुका है. 4 तारीख से शुरू की गई इस प्रक्रिया में सिलीगुड़ी के लोगों का BLO को समर्थन मिल रहा है. सभी बीएलओ के पास विशेष किट और आईडी कार्ड भी उपलब्ध हैं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में बीएलओ के पहुंचने का लोग इंतजार कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर भी SIR पर लोगों को अच्छी जानकारी दी जा रही है. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में मतदाता सजग हैं. और उन्होंने फार्म के लिए फोटो खिंचाने का काम शुरू कर दिया है. ताकि BLO जब प्रपत्र लेकर घर आए तो फार्म पर वह तुरंत ही अपना फोटो चिपका सकें. सिलीगुड़ी में पहला दिन शांतिपूर्ण रहा है. भाजपा विधायक शंकर घोष इस प्रक्रिया का समर्थन करते हुए BLO की तारीफ कर रहे हैं. जबकि माकपा की ओर से कहा जा रहा है कि बीएलओ अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं और यह प्रक्रिया उदासीन है.

बहरहाल चुनाव आयोग के निर्देश पर एस आई आर राज्य भर में शुरू हो चुका है. सवाल है कि जो सियासी संग्राम मचा है, अब उसका क्या मतलब? क्योंकि चुनाव आयोग ने तो अपना काम शुरू ही कर दिया है. पर क्या यह सियासी संग्राम खत्म होगा या दिनों दिन और विकराल होता जाएगा? सवाल यह भी है कि ऐसे में बीएलओ अपना काम भली भांति कैसे कर सकेंगे? सभी राजनीतिक दलों को एक सकारात्मक वातावरण निर्मित करने की आवश्यकता है, ताकि निर्धारित समय पर एस आई आर का काम पूरा हो सके.

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