पश्चिम बंगाल में एस आई आर लागू हो गया है. इस बीच प्रदेश में आत्महत्या की दो घटनाओं ने प्रदेश का राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. कूचबिहार में 65 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की. जबकि इससे पहले पानीहाटी में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली थी. इन दोनों ही घटनाओं की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसी घटनाओं के लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को जिम्मेवार ठहराया है.
दरअसल मुख्यमंत्री का मानना है कि सर के जरिए चुनाव आयोग और भाजपा प्रदेश में एनआरसी लागू करना चाहती है. लोग इसी डर से आत्महत्या कर रहे हैं.मुख्यमंत्री ने कहा है कि बांग्लादेश से भाग कर बंगाल में निवास कर रहे लोगों को लगता है कि अगर एनआरसी लागू हो गया तो उन्हें दोबारा बांग्लादेश जाकर रहना होगा. बहर हाल एस आई आर को लेकर ममता बनर्जी से लेकर तृणमूल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं और केंद्र सरकार तथा चुनाव आयोग को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं. उनका सीधा कहना है कि अगर एक भी वास्तविक मतदाता का नाम मतदाता सूची से कटा तो हंगामा मच जाएगा.
खैर यह सब राजनीतिक बातें हैं. अगर एस आई आर के दूसरे चरण की प्रक्रिया के बारे में अध्ययन करें तो पता चलता है कि यह बिहार से अलग है. लोगों को किसी तरह से डरने की जरूरत नहीं है. अध्ययन से पता चलता है कि लगभग 90 फीसदी से ज्यादा लोगों को दस्तावेज दिखाने की भी आवश्यकता नहीं होगी. दस्तावेज की आवश्यकता उन लोगों को हो सकती है, जो भारत बांग्लादेश बॉर्डर एरिया में रहते हैं.
ब॔गाल में एस आई आर की प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने के साथ ही पूरी होगी. फिलहाल एस आई आर के लिए फॉर्म की प्रिंटिंग और प्रशिक्षण का काम शुरू हो चुका है. यह 3 नवंबर तक चलेगा. एस आई आर के दूसरे चरण की प्रक्रिया में आधार कार्ड को मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया गया है.जबकि बिहार में यह मान्य दस्तावेज के रूप में नहीं था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप किया और चुनाव आयोग को इसे स्वीकार करना पड़ा था.
बंगाल में एस आई आर की प्रक्रिया 3 महीने से भी अधिक समय तक चलेगी. इसलिए मतदाताओं को घबराने की जरूरत नहीं है और उनको अपनी पहचान साबित करने का पूरा अवसर मिलेगा. दूसरे चरण में ऐसे काॅलम तैयार किए गए हैं, जिसमें अंतिम SIR में अगर पिता का नाम शामिल था, तो बिना दस्तावेज के ही पुत्र का नाम मान्य हो जाएगा. इस चरण में एक और खास बात यह है कि आप जहां रहते हैं, अगर वहां की नागरिकता और वोटर कार्ड प्राप्त है, जबकि आपके पिता भारत के किसी भी अन्य प्रदेश में रहते हो तो भी आपको दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी.
बशर्ते कि अंतिम एस आई आर में पिता का नाम शामिल होना चाहिए. इस अध्ययन के अनुसार मान ले कि आप सिलीगुड़ी में निवास करते हैं, जबकि आपके पिता पश्चिम बंगाल से बाहर देश के किसी दूसरे राज्य में रहते हो, तो भी आपको दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी. BLO आपसे दस्तावेज नहीं मांगेगे. आपका नाम वोटर लिस्ट में मान्य होगा.
दूसरे चरण के एस आई आर की एक खास बात यह भी है कि वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाने के लिए आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी. BLO एन्यूमरेशन फॉर्म के साथ ही आपसे संपर्क करेंगे और फॉर्म 6 भरकर आपका नाम मतदाता सूची में शामिल कर लेंगे. इसी तरह से दावे और आपत्तियों के लिए उन लोगों को पूरा समय मिलेगा, जिनके नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़े जाएंगे. उन्हें नोटिस भेजा जाएगा और उन सभी को हियरिंग के लिए सामने आना होगा. या सबूत पेश करना होगा.
अध्ययनों तथा विश्लेषण से पता चलता है कि एस आई आर 2 की प्रक्रिया काफी आसान और सरल है. यह बिहार से काफी अलग है. तथा इसमें कई सुधार भी किए गए हैं. अध्ययन से पता चलता है कि बंगाल में एस आई आर लागू करने का मुख्य मकसद भारत बांग्लादेश इलाके में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों पर केंद्रित है. ज्यादातर ऐसे लोगों को ही दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता पड़ सकती है.
